मुंबई, 16 दिसंबर, (वीएनआई) रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के गवर्नर शक्तिकांत दास ने अर्थव्यवस्था में जारी सुस्ती के बीच आज कहा कि भारत में आई सुस्ती के लिए केवल वैश्विक कारणों को जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता है। साथ ही उन्होंने निवेश के पटरी पर लौटने के संकेत दिखने लगे है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने भरोसा दिलाया है कि केंद्रीय बैंक सुस्ती, महंगाई, बैंकों के स्वास्थ्य और एनबीएफसी के मुद्दे पर हर आवश्यक कदम उठाएगा। उन्होंने कहा है कि केंद्रीय बैंक ने विकास दर में सुस्ती को देखते हुए समय से पहले कदम उठाया और फरवरी से ब्याज दरों में कटौती की गई। उन्होंने कहा कि ग्रोथ बढ़ाने कि ले ब्याज दर में कटौती के अलावा लिक्विडिटी को बढ़ाया गया। रिजर्व बैंक द्वारा 1,539 कंपनियों के सर्वे का हवाला देते हुए उन्होंने कहा है कि इन्वेस्टमेंट साइकल रिवाइवल के संकेत दिखा रहा है। उन्होंने कहा कि भविष्य में आर्थिक वृद्धि को बढ़ावा देने के लिए बैंकों, कंपनियों और एनबीएफसी में बहीखाता की सफाई की प्रक्रिया चल रही है। उन्होंने कहा भारत को मैन्युफैक्चरिंग पर ध्यान देना चाहिए और ग्लोबल सप्लाई चेन का हिस्सा बनना चाहिए।
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