नई दिल्ली, 13 सितम्बर (वीएनआई)| इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी रवि शंकर प्रसाद ने आज कहा कि आधार डेटा उपयोगिता और निजता के बीच संतुलन कायम रखने की जरूरत है।
प्रसाद ने संयुक्त राष्ट्र द्वारा भारत वित्तीय समावेशन पर आयोजित एक सम्मेलन में कहा, आधार डेटा उपलब्धता, उपयोगिता, गोपनीयता और गुमनामीपन के बीच संतुलन बनाने की जरूरत है। सर्वोच्च न्यायालय ने 24 अगस्त को निजता के अधिकार को मौलिक अधिकार घोषित किया था, जिसकी गारंटी देश का संविधान देता है। इस फैसले से आधार से संबंधित मामलों पर असर पड़ सकता है, जिसे विभिन्न सेवाओं के लिए अनिवार्य कर दिया गया है। पैन कार्ड के साथ आधार को जोड़ने का मामला सर्वोच्च न्यायालय में लंबित है।
प्रसाद ने कहा, सर्वोच्च न्यायालय ने निजता के अधिकार को अनुच्छेद 21 के तहत रखा है। हम इस फैसले और लोगों के अधिकार का सम्मान करने को प्रतिबद्ध हैं, लेकिन यह पूर्ण नहीं है। गोपनीयता का अधिकार राष्ट्रीय सुरक्षा और सामाजिक लाभों के प्रसार के लिए स्पष्ट बंधन है। सरकार को साबित करना होगा कि आधार सामाजिक लाभों के प्रसार के लिए जरूरी है। उन्होंने कहा कि आधार के आंकड़े सुरक्षित हैं और इस तकनीक का स्वदेश में भी आविष्कार किया गया है। उन्होंने कहा, आधार की सूचना लीक करने पर 7 लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा।
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