मुंबई, 11 अगस्त, (वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आईआईटी मुंबई के 56वें दीक्षांत समारोह में 3 छात्रों को गोल्ड मेडल और 43 छात्रों को सिल्वर मेडल प्रदान किए। साथ उन्होंने 1000 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद की घोषणा की।
प्रधानमंत्री मोदी ने मुंबई आईआईटी में 56वें दीक्षांत समारोह को संबोधित करते हुए कहा, आज इस अवसर पर सबसे पहले मैं डिग्री पाने वाले देश-विदेश के विद्यार्थियों, और उनके परिवारों को बधाई देता हूं, उनका अभिनंदन करता हूं। उन्होंने कहा बीते 6 दशकों की निरंतर कोशिशों का ही परिणाम है कि आईआईटी बॉम्बे ने देश के चुनिंदा प्रतिष्ठि संस्थानों में अपनी जगह बनाई है। आपको अब एक हज़ार करोड़ रुपए की आर्थिक मदद मिलने वाली है जो आने वाले समय में यहां इंफ्रास्ट्रक्चर के विकास में काम आने वाला है। आईआईटी को देश और दुनिया Indian Institute of Technology के रूप में जानती है। लेकिन आज हमारे लिए इनकी परिभाषा थोड़ी बदल गई है। प्रधानमंत्री ने कहा कि, यह सिर्फ टेक्नोलॉजी की पढ़ाई से जुड़े स्थान भर नहीं रह गए हैं, बल्कि आईआईटी आज India's Instrument of Transformation बन गए हैं। स्टार्ट अप की जिस क्रांति की तरफ देश आगे बढ़ रहा है, उसका एक बहुत बड़ा स्रोत हमारे आईआईटी हैं। आज दुनिया आईआईटी को यूनिकॉर्न स्टार्ट अप्स की नर्सरी तक मान रही है। ये एक प्रकार से तकनीक के दर्पण हैं, जिसमें दुनिया को भविष्य नज़र आता है।
प्रधानमंत्री ने आगे कहा कि मेरा आप सभी से भी इतना ही आग्रह है कि अपनी असफलता की उलझन को मन से निकालें और आकांक्षाओं पर फोकस करें। ऊंचे लक्ष्य, ऊंची सोच आपको अधिक प्रेरित करेगी, उलझन आपको प्रतिभा की सीमाओं में बांध देगा। सिर्फ आकांक्षाएं होना ही काफी नहीं है, लक्ष्य भी अहम होता है। यहां पहुंचने के लिए आपने बहुत परिश्रम किया है। आप में से अनेक साथी ऐसे होंगे जो अभावों से जूझते हुए यहां तक पहुंचे हैं। आपमें अद्भुत क्षमता है, जिसके बेहतर परिणाम भी आपको मिल रहा है। मोदी ने कहा कि, ऐसे भी लाखों युवा हैं जो यहां आने के लिए परिश्रम करते हैं लेकिन उन्हें सफलता नहीं मिल पाती। उनमें टेलेंट की कमी है ऐसा नहीं है। अवसरों और गाइडेंस के अभाव में उन्हें ये मौका नहीं मिल पाया है। ऐसे अनेक छात्रों के जीवन में, उनका मार्गदर्शन कर आप नई रोशनी ला सकते हैं। आज जो डिग्री आपको मिली है, ये आपके समर्पण और प्रतिबद्धता का प्रतीक है। याद रखिए कि ये सिर्फ एक पड़ाव भर है, असली चुनौती आपका बाहर इंतज़ार कर रही है। आपने आज तक जो हासिल किया और आगे जो करने जा रहे हैं, उससे आपकी अपनी, आपके परिवार की, 125 करोड़ देशवासियों की उम्मीदें जुड़ी हैं।
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