नई दिल्ली, 02 अक्टूबर, (वीएनआई) प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छता अभियान को दुनिया का सबसे बड़ा अभियान बताते हुए राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की स्वच्छता के प्रति आग्रह के पीछे के कारणों को गिनाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने राष्ट्रपति भवन में महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय स्वच्छता सम्मेलन का समापन समारोह के अवसर पर कहा कि 1945 में बापू ने अपने विचारों के जरिए बताया था कि ग्रामीण स्वच्छता कितना जरूरी है। उन्होंनेकहा, 'आखिर गांधी स्वच्छता पर इतना जोर क्यों देते थे। क्या सिर्फ इसलिए की गंदगी से बीमारियां होती हैं, लेकिन मेरी आत्मा कहती है ना, इतना सीमित उद्देशय नहीं था। उनका व्यापक उद्देश्य था। बापू ने स्वच्छता को जन आंदोलन में बदला तो उसके पीछे एक मनोभाव था। जब हम भारतीयों में यह चेतना जागी तो फिर इसका स्वतंत्रता आंदोलन पर असर हुआ और देश को आजादी मिली।' इस अवसर पर 124 देशों के कलाकारों द्वारा गाए गए बापू के प्रिय भजन 'वैष्णो जन तो' भी जारी किया गया।
प्रधानमंत्री ने कहा कि उन्हें गर्व है कि बापू के दिखाए मार्ग पर चलते हुए 125 करोड़ भारतीयों ने स्वच्छता अभियान को दुनिया का सबसे बड़ा जन आंदोलन बना दिया। उन्होंने कहा अगर देश के लोग बापू के विचारों से परिचित नहीं हुए होते, उनकी कही बातों को दुनिया के सामने तोला ना होता, समझा न होता तो शायद किसी सरकार के लिए यह कार्यक्रम प्राथमिकता नहीं बन पाता। प्रधानमंत्री ने कहा कि देश के 5 लाख गांव खुले में शौच से मुक्त हो गए हैं। 25 राज्य खुद को खुले में शौच से मुक्त घोषित कर चुके हैं। उन्होंने कहा पहले खुले में शौच करने वाली दुनियाभर की आबादी का 60 फीसदी हिस्सा भारत में था। आज यह घटकर 20 फीसदी तक पहुंच चुका है। उन्होंने कहा कि चार वर्षों में सिर्फ शौचालय बने ही नहीं बल्कि 90 फीसदी का नियमित उपयोग भी हो रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार इस बात पर भी ध्यान दे रही है कि लोगों का मिजाज न बदल जाए और वे फिर से पुरानी आदत की तरफ न मुड़ जाए।
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