नई दिल्ली, 03 अक्टूबर, (वीएनआई) प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को आज 'चैंपियन ऑफ द अर्थ' पुरस्कार से नवाजा गया। मोदी ने इस अवसर पर कहा चैंपियन ऑफ द अर्थ पूरे भारत का सम्मान है।
दिल्ली के प्रवासी भारतीय केंद्र में एक समारोह में संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुतरेस ने संयुक्त राष्ट्र के प्रतिष्ठित और सर्वोच्च पर्यावरण पुरस्कार चैंपियन ऑफ द अर्थ प्रधानमंत्री मोदी को अपने हाथों से दिया। प्रधानमंत्री मोदी ने इस अवसर पर अपने संबोधन में भारतीय दर्शन में प्रकृति के महत्व का जिक्र करते हुए पर्यावरण संरक्षण की दिशा में भारत की प्रतिबद्धता और किए जा रहे कामों को गिनाया।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि इस कार्यक्रम का आयोजन भारत में होना गर्व की बात है। उन्होंने इसे भारत की सवा सौ करोड़ जनता का सम्मान बताया। भारत की नित नूतन और पुरातन संस्कृति का सम्मान है, जिसने प्रकृति में परमात्मा को देखा है। ....यह जंगलों में रह रहे उन आदिवासी भाइयों का सम्मान है, जो जीवन से ज्यादा जंगल से प्यार करते हैं। यह मछुआरों का सम्मान है जो समंदर से इतना ही लेते हैं, जितना अर्थोपार्जन के लिए जरूरी है। वे स्कूल कॉलेज में नहीं गए होंगे, लेकिन वे मछलियों के प्रजनन के समय अपने काम को रोक लेते हैं। यह भारत के उन करोड़ों किसानों का सम्मान है जिनके लिए ऋतुचक्र ही जीवनचक्र है। यह उस महान भारतीय नारी का सम्मान है, जिसके लिए रीयूज और रीसाइकल रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा है। जो चींटी को भी अन्न देना पुण्य मानती है। यह भारत में प्रकृति और पर्यावरण की रक्षा के लिए समर्पित अनाम भारतीयों का सम्मान है।
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