नई दिल्ली, 30 जून, (वीएनआई) प्रधानमंत्री मोदी ने अपने दूसरे कार्यकाल में आज पहली बार अपने मासिक रेडियो कार्यक्रम मन की बात के जरिए लोगों से फिर जुड़ें।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब मैं मन की बात करता हूं तो शब्द भले ही मेरे हैं, लेकिन कथा आपकी है, मैं तो सिर्फ अपनेे शब्द और वाणी का प्रयोग करता था। एक खालीपन महसूस कर रहा था, एक बार मन कर रहा था कि चुनाव खत्म होने के बाद ही आपसे जुड़ जाउं। लेकिन सोचा की पहले की परंपरा बनाए रखूं। वर्ष 2019 में योग के प्रमोशन और डेवलेपमेंट में योगदान देने वालों को दुनियाभर के उन लोगों को अवार्ड दिया गया है। जापान, इटली में लोग योग के लिए विशेष काम कर रहे हैं। बिहार योग विद्यालय को भी सम्मानित किया गया है। स्वामी राजस्व मुनि को भी सम्मानित किया गया है। मन की बात निमित्त है, आईए आपकी बात करता हूं, आपका आशीर्वाद बना रहे, आप ही मेरी प्रेरणा और ऊर्जा हैं। फिर एक बार अगले महीने मन की बात के लिए फिर से मिलूंगा।
प्रधानमंत्री मोदी ने आगे जल संरक्षण की बात करते हुए कहा कि जल की महत्ता को सर्वोपरि रखते हुए देश में नया जलशक्ति मंत्रालय बनाया गया है। कुछ दिन पहले मैंने कुछ अलग करने का प्रयास किया। मैंने देशभर के सरपंचो को पत्र लिखा। साथ ही उन्होंने पानी की एक-एक बून्द बचाने के लिए लोगो से तीन अपील भी की।
1- मेरा पहला अनुरोध है कि जैसे देशवासियों ने स्वच्छता को जनआंदोलन का रूप दिया, आईए हम सब मिलकर पानी की एक बूंद को बचाने का संकल्प लें। पानी परमेश्वर का आशीर्वाद है, पानी पारस है, पारस से पानी के स्पर्श से नवजीवन निर्मित हो जाता है। हमे पानी की एक एक बूंद को बचाने के लिए जागरूकता अभियान की शुरुआत करनी चाहिए। अलग-अलग क्षेत्रों के प्रतिष्ठित लोगों से अपील करता हूं कि ये लोग अपने स्तर से इस आंदोलन का नेतृत्व करें।
2- मैं आप सभी से अपील करता हूं कि आप जल संरक्षण के पुराने पारंपरिक साधनों का इस्तेमाल करें। मैं हमेशा कहता था कि जो भी कीर्ति मंदिर जाए वह वहां पानी की टंकी को देखें।
3- जल संरक्षण के क्षेत्र में महत्वपूर्ण काम करने वाले लोगों की जानकारी को लोगों के साथ साझा करें। आइए हम जल संरक्षण से जुड़े ज्यादा से ज्यादा तरीकों की एक सूचि बनाकर लोगों को प्रेरित करें। आप सभी #jalshaktiforjanshakti पर अपने विचार साझा करें।
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