नई दिल्ली, 15 जुलाई (वीएनआई)| भारतीय रिजर्व बैंक के लिए यह सही मौका है जब वह प्रमुख ब्याज दरों में कटौती कर सकता है, ताकि उत्पादन और निवेश को बढ़ावा मिले, जहां मंदी छाई है। एक उद्योग संगठन ने आज यह बातें कही।
पीएचडी चैंबर्स ऑफ कॉमर्स एंड मिनिस्ट्री के अध्यक्ष गोपाल जिवराजका ने एक बयान में कहा, मुद्रास्फीति की दर में पर्याप्त गिरावट आई है, लेकिन रेपो रेट अभी तक उच्च स्तर पर है, जिससे उद्योग और उत्पादन क्षेत्र की चमक कम पड़ रही है। उन्होंने कहा, "इसलिए इस मोड़ पर दरों में कटौती करना बेहद जरूरी है, ताकि औद्योगिक क्षेत्र का विकास हो और उत्पादन क्षेत्र और प्रतिस्पर्धी बने। उन्होंने कहा, अब सारे कारक ब्याज दरों में कटौती के अनुरूप है। मॉनसून में बारिश अच्छी हो रही है, मुद्रास्फीति काबू में है और जीएसटी को भी लागू किया जा चुका है। हमें उम्मीद है कि आरबीआई रेपो रेट में कम से कम 25 आधार अंकों की कटौती करेगी।
जिवराजका ने कहा कि आरबीआई ने साल 2016 के अक्टूबर में रेपो रेट में 25 आधार अंकों की कटौती की थी। उद्योग जगत इससे पहले भी कई बार दरें कम करने की मांग करता रहा है। पहले नोटबंदी के समय, फिर वित्त वर्ष 2017-18 के बजट के दौरान और तीसरी बार जुलाई में बेहतर मॉनसून को देखते हुए उद्योग की तरफ से ब्याज दरों में कटौती की मांग की गई थी। उन्होंने कहा, हम खुदरा मुद्रास्फीति में कमी लाने के लिए सरकार के प्रयासों की सराहना करते हैं। साल 2016 के जुलाई में खुदरा मुद्रास्फीति 6.1 फीसदी थी, जो साल 2017 के जून में घटकर 1.5 फीसदी रह गई।
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