नर्मदा की गोद में बसे नवगठित गौरेला पेण्ड्रा मरवाही जिले में हैं पर्यटन की अपार संभावनायें

By Shobhna Jain | Posted on 21st Jul 2020 | देश
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नई दिल्ली/गौरेला पेन्ड्रा रोड, छतीसगढ, 21 जुलाई (वेदचंदजैन/वीएनआई) वनोपज,नैसर्गिक सौन्दर्य,स्वास्थ्य प्रद जलवायु की प्रचुरता ...छत्तीसगढ़ के नवोदित अट्ठाइसवें जिला गौरेला पेण्ड्रा मरवाही  में पर्यटन विकास की अपार संभावनायें हैं और  इस दिशा में प्रारंभिक रूप से योजना पर विचार विमर्श तो  हुआ हैं, लेकिन  प्रशासन की  कोरोना से निबटने की प्राथमिकता के मद्देनजर, इस आपदा से निबटने के बाद इस दिशा में काम आगे बढने की संभावना हैं. 
 
    इन संभावना और भविष्य की योजना पर जिला कलेक्टर डोमन सिंह ने  वी एन आई को सवालों के जबाव में बताया कि प्रारंभिक रूप से योजना पर विमर्श हुआ है,किंतु अभी कोरोना की आपदा से नागरिकों की रक्षा करना जिला प्रशासन की सर्वोच्च प्राथमिकता है।श्री सिंह ने कहा कि अन्य जिलों की तुलना में हमारी स्थिति अपेक्षाकृत अच्छी है,किंतु हमें निरंतर सावधान रहना है।स्वास्थ्य सेवाओं को जिला स्तर के अनुरूप बनाने का प्रयास किया जा रहा है.विशेषज्ञों की सेवाओं से जिला वंचित है मगर पहल आरंभ हो गयी है और निकट भविष्य में हम आवश्कता के अनुसार स्वास्थ्य सेवायें दे पायेगें.
     
           प्रदेश की सीमा पर जी पी एम जिला में मेकल पर्वत श्रृंखला में अवस्थित अमरकंटक से निकली नदी जोहिला का उद्गम नवोदित जिला की धरोहर है,साथ ही पर्वत श्रृंखला का सबसे ऊंचा स्थल रजमेर गढ़ भी इस जिला का गौरव है। तीन हजार छै सौ फुट की ऊंचाई से प्रकृति का अनुपम सौंदर्य दिखता है.
    इसी पर्वत माला के दूसरे छोर पर कबीर चौरा प्राकृतिक आकर्षण के साथ श्रद्धा का केन्द्र है । इसी स्थल पर संत कबीर ने अपनी साखियों की रचना और साधना की थी और यहीं पर उनके समकालीन गुरु नानक देव का संत कबीर से मिलन और संत समागम हुआ था.
 
      इसी घाटी में एक अन्य अनुपम रमणीक स्थल है माई का मड़वा।पौराणिक कथा के अनुसार राजकुमारी नर्मदा अपनी सखियों के साथ प्रकृति की गोद में खेलती अठखेलियां करती और मनोरंजन करती है। पहाड़ की चट्टानों के बीच बहती गिरती धारा और प्रवाह का शोर मानों दर्शक को एक अलग ही संसार की अनुभूति कराता है।
 
     इससे आगे बढ़कर नीचे आने पर ग्राम खोडरी के निकट रेल पथ के किनारे एक और अनुपम सौंदर्य युक्त लक्ष्मण धारा का क्षेत्र मन को बांध लेता है,चट्टानों को काटकर बहती धारा झरना कहता है.कलेक्टर डोमन सिंह ने बताया कि आने जाने के लिये सुगम राह के साथ अन्य सुविधा दी जा सती है।नदी तीर विस्तार की राशि का उपयोग किया जा सकता है। वीएनआई

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