नई दिल्ली, 04 जुलाई, (वीएनआई) 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव से पहले केंद में सत्तारूढ़ मोदी सरकार देश के किसानों को बड़ी सौगात देने की तैयारी में है। कैबिनेट की मीटिंग में खरीफ की फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य डेढ़ गुना करने पर मुहर लग सकती है।
गौरतलब है इस फैसले से सरकारी खजाने पर सवा लाख करोड़ रूपए का बोझ भी बढ़ेगा। खबरों के मुताबिक, कैबिनेट की मीटिंग में 14 फ़सलों के लिए समर्थन मूल्य का ऐलान किया जा सकता है। किसानों को आगामी लोकसभा चुनाव से पहले बड़ी सौगात देने की तैयारी केंद्र सरकार कर रही है। इसमें फसल की पैदावार लागत में सभी खर्च जैसे बीज, खाद, कीटनाशक, मजदूरी, मशीन आदि शामिल होंगे और इसी आधार पर इनका न्यूनतम समर्थन मूल्य तय किया जाएगा। जबकि किसान की लागत में जमीन की कीमत को शामिल नहीं किया जाएगा, जिसकी सिफारिश स्वामीनाथन आयोग ने की थी।
कृषि मामलों के विशेषज्ञ रमेश चंद कहते हैं कि देश का किसान हाशिए पर है और उनकी हालत में सुधार बहुत जरूरी है। इस फैसले के कारण खुदरा बाजार में असर ज्यादा देखने को मिलेगा। बता दें कि मौजूदा व्यवस्था के मुताबिक सरकार की संस्था कृषि लागत एवं मूल्य आयोग हर साल खरीफ और रबी फसलों की लागत मूल्य तय करने के बाद उनके न्यूनतम समर्थन मूल्य का प्रस्ताव सरकार को भेजती है।
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