मुंबई3 जून (वी एन आई) महाराष्ट्र में किसानों ने कर्ज माफी सहित कई मुद्दों को लेकर पिछले दो दिनों से चल रही हड़ताल राज्य के मुख्यमंत्री के साथ बैठक के बाद आज तड़के चार बजे खत्म कर दी।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के साथ किसान क्रांति कोर समिति के नेताओं के बीच लगभग पांच घंटे तक चली बैठक के बाद किसानों ने यह हड़ताल खत्म कर दी। फडणवीस ने बैठक के बाद संवाददाताओं को बताया, हम किसानों की कर्जमाफी के लिए तैयार हैं। हम इस उद्देश्य के लिए एक समिति बनाएंगे जिसमें किसानों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे और इस पर 31 अक्टूबर को फैसला लिया जाएगा। वहीं किसान क्रांति के नेताओं ने कहा कि सरकार ने उनकी 70 फीसदी मांगों को मंजूर कर लिया है और हम तत्काल भाव से अपनी हड़ताल खत्म कर रहे हैं।
मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के सरकारी आवास पर हुई बैठक में यह फैसला हुआ. बैठक में लिए प्रमुख फैसले कुछ इस तरह हैं.
फैसला लिया गया कि छोटे किसानों की कर्ज़माफ़ी के लिए एक कमेटी बनाई जाएगी. 31 अक्टूबर से पहले इस पूरे मामले पर फैसला लिया जाएगा.
न्यूनतम समर्थन मूल्य से कम दाम देना अपराध माननेवाला कानून महाराष्ट्र विधानसभा के आगामी मॉनसून सत्र में पास किया जाएगा. दूध का न्यूनतम समर्थन मूल्य तय होगा. 20 जून तक इसका फैसला लिया जाएगा. बिजली बिलों में रियायत के लिए पहल होगी. बिजली बिल पर लगा ब्याज और जुर्माना माफ़ होगा.
आंदोलन के दरम्यान किसानों के खिलाफ़ दर्ज़ हुए मामले वापस होंगे. लेकिन, हिंसा करनेवालों के खिलाफ़ कार्रवाई जारी रहेगी. आंदोलन के दौरान अपनी जान गंवाने वाले किसान अशोक मोरे के परिजनों को वित्तीय सहायता दी जाएगी. बैठक में लिए फैसलों की जानकारी मुख्यमंत्री फड़णवीस ने खुद मीडिया को दी. जबकि, आंदोलन की अगुवाई करने वाले किसान क्रांति संगठन के नेता जयाजी सुर्यवंशी ने मुख्यमंत्री के साथ बातचीत को सकारात्मक बताया है और उम्मीद जताई है कि वे अपने बयानों पर खरे उतरेंगे.
हालांकि, आंदोलन वापस लेने की घोषणा के साथ किसानों के नेताओं में फूट स्पष्ट हो चुकी है. महाराष्ट्र किसान यूनियन के सचिव अशोक नवले ने किसान हड़ताल वापस लेने के फैसले को असमाधानकारक बताया है. नवले ने मीडिया को बताया कि मुख्यमंत्री फड़णवीस ने किसानों की सम्पूर्ण कर्ज़माफ़ी करने के संदर्भ में कोई भी फैसला नहीं लिया. जो भी ऐलान हुए हैं वो ठोस नहीं हैं.