नई दिल्ली, 25 जून (वीएनआई) देश के प्रमुख पत्रकार संगठनों ने एक जुट आवाज में जम्मू-कश्मीर विधानसभा के निर्वाचित सदस्य द्वारा कश्मीर घाटी में पत्रकारों को दी गई धमकी और डराने संबंधी टिप्पणी की तीव्र निंदा करते हुए विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मॉग की है । संगठनों ने कहा है कि ऐसे बयान आपराधिक धमकी से कम नहीं हैं और प्रेस की स्वतंत्रता पर प्रत्यक्ष हमला है.
महिला पत्रकारों की अखिल भारतीय संस्था'द इंडियन विमेन प्रेस कोर', 'प्रेस क्लब ऑफ इंडिया', 'प्रेस एसोसिएशन' और प्रेस क्लब ऑफ फेडरेशन ने एक संयुक्त बयान जारी कर के घाटी में पत्रकारों पर जम्मू-कश्मीर विधानसभा के निर्वाचित सदस्य तथा भाजपा के पूर्व मंत्री चौधरी लाल सिंह द्वारा की गई धमकाने और डराने ्वाली टिप्पणी की निंदा की हैं। बयान के अनुसार चौधरी लाल सिंह ने पत्रकारों को जम्मू में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में "एक विभाजन रेखा खींचने" की खुले तौर पर धमकी देते हुए नतीजे भुगतने की चेतावनी देते हुए उन्हें राइजिंग कश्मीर के संपादक शुजात बुखारी जैसा अंजाम भुगतने की चेतावनी दी, जिनकि लगभग एक पखवाड़े पहले ही गोली मार कर हत्या कर दी गई थी। बुखारी की हत्या की विभिन्न वर्गो के लोगो ने बड़ी संख्या में और पत्रकार संगठनों ने निंदा की थी।
इस प्रेस कॉफ्रेंस में चौधरी लाल सिंह ने पत्रकारों को कश्मीर में "गलत वातावरण" बनाने के लिए ्भी दोषी ठहराया और उन्हें खुद को 'कंट्रोंल" करने के लिए कहा। चौधरी लाल सिंह को कठुआ गेंग रेप और हत्या के आरोपियों का समर्थन करने वाली रैली में शामिल होने के बाद कैबिनेट से हटा दिया गया था। इन पत्रकार संगठनों ने मांग की है कि घाटी में पत्रकारों पर संभावित हिंसा को संकेत देने वाली धमकी देने वाली टिप्पणी करने के लिए विधायक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाये। ऐसे बयान माहौल को भी खराब करते है और पत्रकारों के जीवन को खतरे में डाल देते हैं जो कि संघर्षपूर्ण परिस्थितियों में काम करते हैं और रहते हैं।
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