नई दिल्ली,8 मार्च ( शोभनाजैन/वीएनआई) इंडोनेशिया के बाली द्वीप मे कल हिंदू नव वर्ष 'न्येपी पर्व' मनाया जायेगा लेकिन इस दिन द्वीप मे कोई धूम धडाका ,जश्न ,सतरंगी रोशनी और तेज संगीत नही होगा बल्कि इस मनोरम द्वीप मे कल पूरी तरह से सन्नाटा या यूं कहे पूर्ण शांति रहेगी. रात को सडको पर् रोशनी नही होगी,पुलिस और एम्बुलेंस जैसे आपतकालीन वाहनो को छोड कर कोई सरकारी, निजी वाहन भी नही चलेंगे. लोग अपने अपने घरो मे रह कर पूजा पाठ , तप और मौन साधना करेंगे.यह है बाली का नव वर्ष यानि 'मौन दिवस', आत्म अवलोकन और आत्म शुद्धि का पर्व.
दरअसल बाली मे नव वर्ष के अनुष्ठान 'न्येपी पर्व' से तीन दिन पूर्व ही शुरू हो जाते है.इस पर्व से तीन दिन पूर्व वे 'मेलस्ती' धर्मिक अनुष्ठान में हिस्सा लेते हैं, जिसे आत्म शुद्धि के पर्व का प्रारंभ माना जाता है जिसमे दो दिन तक घर मे खाना पकाया जाता है सुबह पुरूष और महिलाये समुद्र तट पर पूजा अर्चना के लिये जाते है. लोग शुद्धिकरण समारोह के लिये समुद्र किनारे जुलूस में शामिल होते हैं.
लोग रंग-बिरंगे झंडे और पूजा सामग्री लिए जुलूस में भाग लेते हैं महिलाये सिर पर खाद्य सामग्री की टोकरिया रख पूजा के लिये जाती है शाम को बरतनो और वाद्यो को जोर जोर से बजा बजा कर काफी शोर शराबा किया जाता है ताकि दुष्ट आत्माओ को भगाया जा सके.
मेलस्ती शुद्धिकरण उत्सव में हिंदू समुदाय के लोग काम पर नहीं जाते, न इस दौरान सफ़र करते हैं.हिंदू नववर्ष यानि मौन दिवस पर बाली द्वीप में सार्वजनिक अवकाश रहता है रहती है.न्येपी के अगले रोज त्यौहार जैसा माहौल होता है लोग खास तौर पर अपने परिचितो और संबंधियो के यहा जाकर अपनी गलतियो और भूलो के लिये क्षमा याचना करते है और संयम और आत्म शुद्धि का पर्व सफलता से सम्पन्न होने पर हर्षोल्लास मनाते है. वी एन आई