नई दिल्ली, 04 फरवरी, (वीएनआई) राज्यसभा में केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस के कारण देश में कुल 162 डॉक्टरों की मौत के आंकड़ों पर इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने आश्चर्य जताते हुए कहाँ आंकड़ा इससे कहीं ज्यादा होने का दावा किया।
आईएमए ने सरकार के संपूर्ण आंकड़ों का गहन अध्ययन के लिए एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन करने और सभी मृत डॉक्टरों को सम्मानित करने की अपील की है। आईएमए ने मंत्री चौबे को लिखे पत्र में कहा कि केंद्र सरकार के आंकड़े चिकित्सा निकाय द्वारा जारी आंकड़ों के विपरीत हैं, जिसके अनुसार बीमारी के कारण 734 डॉक्टरों ने अपनी जान गंवाई, जिनमें से 431 सामान्य चिकित्सक थे। पत्र में आगे कहा गया है कि कोरोना वायरस के कारण मृत 25 डॉक्टरों की उम्र 35 वर्ष से भी कम थी। पत्र में आगे कहा गया है कि, उन्होंने ऐसे खरतनाक माहौल में भी राष्ट्र की सेवा करने के लिए चिकित्सा क्षेत्र को चुनते हैं। लेकिन भारत सरकार इस तथ्य को स्वीकार करने और उन्हें उचित महत्व और मान्यता देने में विफल रही। वहीं आईएमए ने आंकडो़ं की पुष्टि करने में सरकार की उदासीनता और कोविड-19 शहीदों के परिवारों के लिए मुआवजा देने में देरी की भी निंदा की।
गौरतलब है स्वास्थ्य राज्यमंत्री अश्विनी कुमार चौबे ने मंगलवार को संसद के ऊपरी सदन को सूचित किया था कि देश में अब तक 162 डॉक्टर, 107 नर्स और 44 आशा कार्यकर्ता कोविड-19 वायरस से अपनी जान गंवा चुके हैं।