नई दिल्ली, 29 मई, (वीएनआई) वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के संक्रमित मरीजों के इलाज में कारगर मानी जा रही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा पर डब्लूएचओ द्वारा रोक लगाए जाने के बाद अब आईसीएमआर ने इसके ट्रायल पर डब्लूएचओ को एक पत्र लिखा है।
आईसीएमआर के अनुसार भारत और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हो रहे ट्रायल में काफी अंतर है। जिस वजह से उसके नतीजे भी अलग आ रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार मौजूदा वक्त में भारत सरकार ने हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को देने का प्रोटोकॉल तय कर रखा है। जिसके मुताबिक पहले दिन मरीज को 400 mg का भारी डोज दिया जा रहा है, ये डोज वो एक बार सुबह और एक बार शाम को लेता है। इसके बाद अगले चार दिन ठीक उसी तरह उन्हें 200mg का डोज दिया जा रहा है। ऐसे में मरीज पांच दिन में 2400mg का कुल डोज ले रहा है।
गौरतलब है भारत, अमेरिका समेत दुनिया के कई देश इस दवा का ट्रायल भी कोरोना मरीजों पर कर रहे थे। इसके बावजूद दवा के ट्रायल पर हाल ही में विश्व स्वास्थ्य संगठन ने रोक लगा दी थी। जिसके बाद अब इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च ने डब्लूएचओ को पत्र भेजकर मामले में स्पष्टीकरण दिया है।
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