अहमदाबाद 02 जून (वीएनआई)28 फरवरी 2002 को गुजरात के अहमदाबाद की गुलबर्ग सोसाइटी हत्याकांड में अहमदाबाद की एक विशेष अदालत ने 24 लोगों को दोषी ठहराया है जबकि 36 लोगों को आरोपों से बरी कर दिया गया . दोषियों की सजा का ऐलान 6 जून को होगा। जिन्हें दोषी पाया गया है उनमें विश्व हिंदू परिषद के नेता अतुल वैद्य और कांग्रेस के पूर्व पार्षद मेघजी चौधरी शामिल हैं जबकि बीजेपी नेता बिपिन पटेल और गुजरात पुलिस के इंसपेक्टर केजी अरदाको निर्दोष मानते हुए आरोपों से बरी किया गया है
विशेष अदालत के न्यायाधीश पीवी देसाई ने आज यह फ़ैसला सुनाया,जिन अभियुक्तों को इस मामले में दोषी ठहराया गया है, उनमें से 11 को दफ़ा 302 के तहत दोषी पाया गया है.विशेष अदालत ने अभियुक्तों पर लगाई गई आपराधिक षड्यंत्र की धारा 120 (बी) को हटा लिया.
विशेष अदालत का फ़ैसला आने के बाद हमले में मारे गए कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी की पत्नी जकिया जाफरी ने कहा कि वो फ़ैसले से ख़ुश नहीं हैं जकिया जाफरी ने कहा कि 36 आरोपियों के बरी होने पर अफसोस है। आगे भी लड़ाई जारी रखेंगे। उनकी बहू दुरैया जाफरी ने कहा कि 36 लोगों को किस आधार पर छोड़ा गया। वकीलों से बात करके फैसले को चुनौती देंगे।
गौरतलब है कि अहमदाबाद के गुलबर्ग हाउसिंग सोसाइटी में घुसकर 28 फ़रवरी 2002 को एक उत्तेजित भीड़ ने 69 लोगों की हत्या कर दी थी. मृतकों में कांग्रेस के पूर्व सांसद एहसान जाफरी भी शामिल थे.यह घटना गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन में हुई कथित आगजनी के बाद हुई थी. साबरमती एक्सप्रेस में लगी आग में 59 कारसेवक मारे गए थे.इस मामले में 66 लोगों को अभियुक्त बनाया गया था.