नई दिल्ली, 24 जून, (वीएनआई) देश में कोरोना संकट के कारण पैदा हुए आर्थिक संकट को लेकर प्रधानमंत्री मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय कैबिनेट और कैबिनेट कमेटी ऑन इकोनॉमिक अफेयर्स की बैठक में आत्मनिर्भर भारत पैकेज पर विस्तार से चर्चा के दौरान सभी को-ऑपरेटिव बैंक को अब आरबीआई की निगरानी में रखने का फैसला लिया गया।
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कैबिनेट बैठक में लिए गए कई अहम फैसले की जानकारी देते हुए बताया की मोदी सरकार ने आरबीआई की पावर बढ़ा दी है। अब देशभर के को-ऑपरेटिव बैंक भी रिजर्व बैंक की देखरेख में ही काम करेंगे। जावड़ेकर ने आगे बताया देश में 1482 अर्बन को-ऑपरेटिव बैंक और 58 मल्टी स्टेट बैंक हैं। इन बैंकों के तुरंत प्रभाव से RBI के सीधे सुपरविजन पॉवर में आने का एक अध्यादेश पारित किया गया है। आरबीआई की पावर अब शेड्यूल बैंकों के साथ-साथ को-ऑपरेटिव बैकों पर भी लागू होगी।
जावड़ेकर ने आगे कहा कि भारत ने अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र में बहुत बड़ा सुधार किया है। जिस वजह से अब ये एक तरह से सभी के उपयोग के लिए खोले जा रहे हैं। इसके अलावा अन्य पिछड़ा वर्ग के भीतर उप-वर्गीकरण के मुद्दे की जांच के लिए गठित आयोग का कार्यकाल छह महीने तक बढ़ाने की मंजूरी दी है।