लॉस एंजिलिस,२८ मई (वी एन आई) जलवायु परिवर्तन के कारण दुनिया भर मे मौसम मे हो रहे परिवर्तन के मद्देनजर रात में तापमान सामान्य से अधिक रहने की वजह से हमारी,आपकी की नींद काफी डिस्टर्ब हो सकती है. एक नये अध्ययन में कहा गया है कि सदी के अंत तक संभवत: पृथ्वी पर लोग नींद की कमी से जूझ रहे होंगे.अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ कैलिफोर्निया-सैन डिएगो (यूसीएसडी) के अनुसंधानकर्ताओं का कहना है कि तापमान बढ़ने के कारण 2050 तक प्रत्येक 100 लोग कम से कम छह दिन पूरी नींद नहीं ले सकेंगे. 2099 तक यह संख्या प्रति 100 पर बढ़कर 14 रातें हो जाएगी. उन्होंने पाया कि रात के तापमान में एक डिग्री वृद्धि होने पर 100 लोग एक महीने में से तीन दिन ठीक से नहीं सो पाते. यह अनुसंधान साइंस एडवांस पत्रिका में प्रकाशित हुआ है.
नासा अर्थ एक्सचेंज की ओर से जारी 2050 और 2099 के जलवायु पूर्वानुमानों का प्रयोग कर अनुसंधानकर्ताओं ने निष्कर्ष निकाला है कि यदि रातें गर्म हो गईं और उससे नींद की कमी जारी रही तो भविष्य बहुत धूमिल सा है.