नई दिल्ली, 17 सितंबर, (वीएनआई) लखनऊ में आज वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक में पेट्रोल-डीजल को अजेंडे में शामिल किया गया, लेकिन कई राज्यों की आपत्ति के बाद फिलहाल इसे जीएसटी के दायरे में शामिल नहीं किया गया है।
वित्तमंत्री सीतारमण ने बैठक के बाद सफाई देते हुए कहा कि केरल हाईकोर्ट के आदेश के कारण ही पेट्रोल, डीजल जीएसटी परिषद के एजेंडे में था। उन्होंने इस बात की गारंटी भी राज्यों को दी कि अभी पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल नहीं किया जाएगा। वित्तमंत्री ने आगे बताया किसी शख्स ने पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल करने के लिए केरल हाईकोर्ट का रुख किया था। जून में कोर्ट ने जीएसटी परिषद की बैठक में इस पर चर्चा करने के निर्देश दिए थे। जिस वजह से इसे बैठक के एजेंडे में शामिल किया गया।
वित्तमंत्री ने आगे कहा कि पेट्रोल और डीजल को अभी जीएसटी के दायरे में लाने पर विचार करने का ये सही समय नहीं है। अभी राजस्व से जुड़े अन्य मुद्दों पर विचार करना होगा। गौरतलब है पहले खबर आई थी कि पेट्रोल-डीजल को जीएसटी में शामिल किया जा सकता है, जिससे पेट्रोल 28 रुपये और डीजल 25 रुपये सस्ता होगा, लेकिन अब इन अटकलों पर विराम लगा दिया गया है।
वित्तमंत्री ने इसके आलावा बताया कि कैंसर के इलाज समेत कई दवाओं पर संशोधित जीएसटी दर की घोषणा की। अब Zologensma और Viltetso जैसी महंगी दवाओं की खरीद पर जीएसटी में छूट मिलेगी। इसके अलावा कोरोना के इलाज से जुड़ी जिन दवाओं पर जीसएटी दर 30 सितंबर तक के लिए घटाई गई थी, उसे बढ़ाकर अब 31 दिसंबर कर दिया गया है। वहीं परिषद आज हुई बैठक में एक और विवादास्पद मुद्दा उठाया गया, जिसमे स्विगी और जोमैटो पर जीएसटी का था। जिससे अब घर बैठे खाना ऑर्डर करना महंगा हो जाएगा। इसके अलावा फलों के रस पर भी जीएसटी 12 प्रतिशत से बढ़ा 28 प्रतिशत करने के पक्ष में निर्णय लिया गया।
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