सरे,इंगलेंड, 1 जून (वीएनआई) 'गरिमा से मृत्यु नही बल्कि अच्छी तरह से मरना मजेदार हो सकताहै' यहा का एक बड़ा अस्पताल चाहता था कि वह लोगो को समझाये व्रद्धावस्था मे या किसी अतयंत शारीरिक विकट परिस्थति मे मृत्यु से डरिये नही उसका धैर्य से शांत चित्त से वरण करे, नाते रिशतेदार भी इसे समझे ,कोई अगर मरने के बाद अंग दान करना चाहते है तो तैयारी करे,मृत्यु से पूर्व या बाद मे कोई इच्छा पूरी करवाना चाहते है तो सहर्ष पूरी तैयारी कर ले क्योंकि म्रत्यु अन्तत; जीवन के अंतिम् चरण का महोत्सव है, इसे महोत्सव मान कर ही सब स्वीकार करे. लेकिन एक भद्दी भाषा ने अर्थ का अनर्थ कर दिया , गरिमा से म्रत्यु की बजाय मजे (फन) से अच्छी तरह से मरिये. हालांकि अस्पताल ने अपने विभागीय न्यूज लेटर् मे यह बात लिखी लेकिन यह अंदर के ही किसी भले व्यक्ति को यह भद्दापन नागवार गुजरा और उसने इस न्यूज लेटर को लीक कर दिया. इस खबर पर जन आक्रोश के देखते हुए आखिरकार अस्पताल को भाषा के इस भद्दे प्रयोग के लिये माफी मॉगनी पड़ी रॉयल सरे हॉस्पिटल