नई दिल्ली, 25 जनवरी ( सुनीलजैन/वीएनआई) 28 जनवरी से शुरू होने वाला इस बार का साहित्योत्सव सतरंगी छटा बिखेरने को तैयार है.इस वर्ष साहित्योत्सव में पहली बार 2 जनवरी को एक नया कार्यक्रम सम्मिलित होगा - ‘ट्रांसजेंडर कवि सम्मेलन’ । इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रख्यात साहित्यकार, विदुषी और मानबी बंद्योपाध्याय करेंगी, जो पहली ट्रांसजेंडर हैं ्जो एक महाविद्यालय में प्राचार्य रही हैं। इस कार्यक्रम में 14 ट्रांसजेंडर कवि अपनी रचनाएँ प्रस्तुत करेंगे।
साहित्य अकादेमी का साहित्योत्सव इस बार 28 जनवरी से दो फरवरी तक चलेगा.यह जानकारी देते हुए यहा एक प्रेस काॅन्फ्रेंस में साहित्य अकादेमी के सचिव, के. श्रीनिवासराव ने बताया कि साहित्योत्सव में देश के कोने-कोने से विभिन्न भाषाओं का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 250 लेखक और विद्वान विविध कार्यक्रमों में भागीदारी करेंगे।इस बार के साहित्योत्सव का एक अन्य आकृषण पहली बार दो दिवसीय आदिवासी महिला लेखिका सम्मेलन होगा। इस कार्यक्रम का उद्घाटन २ जनवरी को प्रख्यात हिंदी लेखिका रमणिका गुप्ता करेंगी। इस कार्यक्रम में देश के विभिन्न भागों की 36 आदिवासी भाषाओं की 43 आदिवासी लेखिकाएँ शिरकत करेंगी। इस के अलावा भी एक आक्रषण होगा बच्चों के लिए ‘आओ कहानी बुनें’ के अंतर्गत वैविध्यपूर्ण कार्यक्रम भी एक आक्रषण होगा.
महात्मा गाँधी के 150वें जन्म वर्ष के उपलक्ष्य में साहित्योत्सव में एक विशेष काॅर्नर भी आक्रषण का केन्द्र होगा जिसमें महात्मा गाँधी द्वारा लिखित और उन पर लिखी गई लगभग 700 पुस्तकें भी प्रदर्शित की जा रही हैं साथ ही इस मौके पर राष्ट्रीय संगोष्ठी ‘भारतीय साहित्य में गाँधी’ भी आयोजित की जायेगी.
श्रीनिवासराव ने बताया कि उत्सव का आरंभ अकादेमी की वर्षभर की गतिविधियों को प्रदर्शित करनेवाली प्रदर्शनी से होगा। पद्म भूषण सम्मान प्राप्त प्रख्यात लेखक, दार्शनिक, शिक्षाविद् एवं राज्य सभा के माननीय पूर्व संसद सदस्य मृणाल मिरी 28 जनवरी को करेंगे। अकादेमी प्रदर्शनी में विगत वर्ष के दौरान अकादेमी की उपलब्धियों को रेखांकित किया जाता है, जिसके अंतर्गत छायाचित्रों के माध्यम से अकादेमी द्वारा आयोजित पुरस्कार समारोहों, संगोष्ठियों, परिसंवादों, कार्यशालाओं, सांस्कृतिक विनिमय कार्यक्रमों, प्रदर्शनियों तथा विभिन्न कार्यक्रम शंृखलाओं में आयोजित कार्यक्रमों की झलकियाँ प्रस्तुत की जाती हैं।
28 जनवरी को साहित्य अकादेमी भाषा सम्मान अर्पण समारोह होगा। साहित्य अकादेमी द्वारा भाषा सम्मान कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य एवं क्षेत्रीय भाषाओं के संरक्षण, संवर्धन और प्रोत्साहन में उल्लेखनीय योगदान करने वाले विद्वानों/लेखकों को प्रदान किए जाते हैं। इस साहित्योत्सव में कालजयी एवं मध्यकालीन साहित्य-उत्तरी क्षेत्र, पूर्वी क्षेत्र, पश्चिमी क्षेत्र के लिए तथा कोशली-संबलपुरी, पाइते और हरियाणवी के लिए अपने-अपने क्षेत्र में योगदान करने वाले 8 विद्वानों/लेखकों को साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष चंद्रशेखर कंबार द्वारा प्रदान किए जाएँगे।
साहित्य अकादेमी पुरस्कार अर्पण समारोह 29 जनवरी को होगा, जिसमें 24 भारतीय भाषाओं के रचनाकारों को उनकी श्रेष्ठ कृतियों के लिए साहित्य अकादेमी के अध्यक्ष द्वारा पुरस्कार प्रदान किए जाएँगे। प्रख्यात ओड़िया लेखक और साहित्य अकादेमी के महत्तर सदस्य मनोज दास समारोह के मुख्य अतिथि होंगे। प्रख्यात श्रीलंकाई लेखक और साहित्य अकादेमी के प्रेमचंद फ़ेलोशिप से सम्मानित सांतन अय्यातुरै समारोह के विशिष्ट अतिथि होंगे। सांतन अय्यातुरै को यह फ़ेलोशिप साहित्योत्सव में दिनांक 30 जनवरी को प्रदान की जाएगी।
इस वर्ष साहित्योत्सव में 31 जनवरी से त्रि-द्विवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है। इस राष्ट्रीय संगोष्ठी का विषय ‘भारतीय साहित्य में गाँधी’ है। इसका उद्घाटन लबघप्रतिष्ठ अंग्रेज़ी कवि और लेखक जयंत महापात्र करेंगे तथा माॅरीशस सरकार के पूर्व शिक्षा मंत्री, यूनेस्को के पूर्व निदेशक व इंटरनेशनल तिरुक्कुरल फ़ाउंडेशन के अध्यक्ष अरमूगम परसुरामन संगोष्ठी के विशिष्ट अतिथि होंगे। प्रख्यात इतिहासकार एवं अंगे्रज़ी लेखक सुधीर चंद्रा बीज वक्तव्य देंगे। इस संगोष्ठी में ’21वीं सदी में गाँधी की प्रासंगिकता’, ’गाँधी और दलित आंदोलन’, ’गाँधी और भारतीय कथासाहित्य’, ’विश्व-दृष्टि में गाँधी’, ’आत्मकथाओं में गाँधी’, ’गाँधी और भक्ति साहित्य’, ’भारतीय काव्य, नाटकों तथा प्रस्तुतियों में गाँधी’, ’गाँधी पर प्रभाव’, ’लोकप्रिय संस्कृति में गाँधी’, और ’गाँधी पर समकालीन साहित्यिक विमर्श’ जैसे 10 विचार सत्रों के अंतर्गत अर्थशास्त्र, पत्रकारिता और पारिस्थितिकी सहित कई ज़रूरी विषयों पर देश की विभिन्न भाषाओं के विद्वान अपने आलेख प्रस्तुत करेंगे।
लब्धप्रतिष्ठ लेखक, विद्वान और साहित्य अकादेमी के महत्तर सदस्य गोपीचंद नारंग द्वारा संवत्सर व्याख्यान दिनांक 30 जनवरी को दिया जाएगा। व्याख्यान का विषय है - ’फ़ैज़ अहमद फै़ज़: तसव्वुरे इश्क़, मानी आफ़रीनी और जमालियाती एहसास’।
31 जनवरी को युवा साहिती: नई फसल कार्यक्रम आयोजित होगा, जिसमें विभिन्न भारतीय भाषाओं के 27 युवा रचनाकार सम्मिलित होंगे। इस कार्यक्रम का उद्घाटन लब्धप्रतिष्ठ मलयाळम् कवि एवं लेखक के. सच्चिदानंदन करेंगे। विभिन्न सत्रों की अध्यक्षता टी. देवीप्रिया, निर्मलकांति भट्टाचार्जी, गौरहरि दाश और पंकज राग करेंगे। इसी दिन आमने-सामने कार्यक्रम में साहित्य अकादेमी पुरस्कार 2018 से पुरस्कृत लेखकों की प्रतिष्ठित साहित्यकारों/विद्वानों से बातचीत होगी।
30 जनवरी को पूर्वोत्तरी कार्यक्रम होगा, इसमें भारत के उत्तर-पूर्वी और उत्तरी क्षेत्र के लेखक सहभागिता करेंगे। इस कार्यक्रम का उद्घाटन प्रख्यात हिंदी कवि और समालोचक विश्वनाथ प्रसाद तिवारी करेंगे तथा सुपरिचित असमिया लेखक ध्रुब ज्योति बोरा कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि होंगे।
दिनांक 28, 29, 31 जनवरी एवं 1 फरवरी को सायंकाल सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये जायेंगे.साहित्योत्सव का एक अन्य आक्र्षण रवींद्र भवन परिसर में अकादेमी की पुस्तक प्रदर्शनी सुबह 10 बजे से सायं 7 बजे तक प्रतिदिन होगी और पुस्तकें बिक्री के लिए 10 प्रतिशत की विशेष छूट पर उपलब्ध होंगी।