नई दिल्ली,15 जून( सुनीलकुमार/वीएनआई)सरकार ने आज लंबे इंतज़ार के बाद नई नागरिक उड्डयन नीति को मंजूरी दे दी , जिसके तहत हवाई यात्रा सभी की जेबो के अनुकूल,छोटे शहरो ्को हवाई मार्ग से जोड़ने पर जोड़ने के साथ एयरलाइन कंपनियों के लिए विदेशी उड़ान भरने के नियम सरल किए जाएंगे
नीति में प्रस्ताव किया गया है कि छोटे कस्बों और शहरों के बीच एक घंटे का समय लेने वाली उड़ानों के लिए अधिकतम किराया सीमा 2,500 रुपये तय कर दी जाए, जिससे हवाई यात्रा को आर्थिक रूप से सुगम बनाकर हवाई यात्रियों की संख्या बढ़ाई जा सकेगी।
नीति में प्रस्ताव किया गया है कि एयरलाइन कंपनियों को कुछ लाभ देने की पेशकश के बदले उन्हें देश के छोटे शहरों के बीच उड़ानें भरने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा, ताकि इन शहरों से हवाई संपर्क को बढ़ाया जा सके।
नई नीति के मुताबिक इन रूटों पर किराये की अधिकतम सीमा तय होने की वजह से एयरलाइन कंपनियों को होने वाले नुकसान का 80 फीसदी हिस्सा केंद्र सरकार देगी।
सरकार को आशा है कि घरेलू क्षेत्र में वर्ष 2022 तक 30 करोड़ हवाई टिकट प्रतिवर्ष बिकने लगेंगे, और वर्ष 2027 तक यह संख्या 50 करोड़ पार कर जाएगी। अंतरराष्ट्रीय क्षेत्र में यह लक्ष्य वर्ष 2027 तक 20 करोड़ टिकटों का है।
ड्राफ्ट नीति में क्षेत्रीय कनेक्टिविटी फंड की स्थापना के लिए घरेलू और अंतरराष्ट्रीय टिकटों पर दो फीसदी सेस लगाने का प्रस्ताव किया गया है।
सूत्रो के अनुसार नई उड्डयन उद्योग कम से कम 20 हवाईजहाजों के बेड़े वाली नई एयरलाइन कंपनियों को भी विदेशी उड़ानें भरने का प्रावधान दिये जाने की बात है.वी एन आई