नई दिल्ली, 01 नवंबर, (वीएनआई) भारतीय सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा है कि भारत ने किसी भी तरह कोई क्षेत्रीय महत्वकांक्षा नहीं रखी है लेकिन इसका मकसद आर्थिक तरक्की के लिए बाह्य और आतंरिक सुरक्षा की आदत डालना है।
जनरल रावत ने आज इंडो-पैसेफिक रीजन के सेमिनार में कहा इंडो-पैसिफिक रीजन में साल 2018 में राजनीति पर सबकी नजरें रहीं और राजनीति के लिहाज से यह साल काफी अहम रहा है। जनरल रावत ने कहा कि अब अंतरराष्ट्रीय संबंधों की बदलाव और मतभेद लाने वाली प्रकृति पहले से ज्यादा साफ है। जनरल रावत के मुताबिक इंडो-पैसेफिक क्षेत्र की राजनीति पर अलग-अलग देशों और व्यापारिक समझौतों पर लगाए प्रतिबंधों का खासा प्रभाव पड़ा है तो दुनिया में प्रमुख व्यापार कोरियाई द्वीप में शांति वार्ता की राह खुली है, वहीं, इस्लामिक स्टेट का अपना कब्जा खोना भी काफी महत्वपूर्ण घटनाएं हैं।
जनरल रावत ने आगे कहा कि बहुत लोगों को देखते हुए भारत ने अंतरराष्ट्रीय संबंधों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि हमारी सुरक्षा नीति के दो अहम अहम सिद्धांत हैं, पहला कि हमारे पास कोई अतिरिक्त क्षेत्रीय महत्वाकांक्षा नहीं है और दूसरों पर हमारी विचारधाराओं को थोपने की कोई इच्छा नहीं है। इसके लिए हमारा उद्देश्य निर्बाध आर्थिक प्रगति और सामाजिक-राजनीतिक विकास के लिए एक अनुकूल आंतरिक और बाहरी सुरक्षा का वातावरण सुनिश्चित करना है। वहीं इस सेमिनार में ऑस्ट्रेलिया में भारत की राजदूत हरिदंर संधू भी शामिल थींं।
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