मुंबई, 4 दिसंबर | शेयर बाजार में आगामी सप्ताह व्यापक आर्थिक आंकड़ों, भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति बैठक, वैश्विक बाजारों के रुझान, विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफपीआई) और घरेलू संस्थागत निवेशक (डीआईआई) के निवेश, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और कच्चे तेल की कीमतों पर बाजार की नजर बनी रहेगी।
आरबीआई की दो दिवसीय मौद्रिक समीक्षा बैठक छह दिसंबर यानी बुधवार से शुरू होगी। इस बैठक में नोटबंदी के सरकार के ऐतिहासिक कदम के परिदृश्य में आरबीआई की मौद्रिक नीतिगत बैठक पर निवेशकों की निगाहें चौकस रहेंगी। आरबीआई ने पिछले साल अक्टूबर में ब्याज दरों में 25 आधार अंकों की कटौती की थी। देश के सेवा क्षेत्र के मासिक सर्वेक्षण पर भी बाजार की नजर रहेगी।
संसद के मौैजूदा शीतकालीन सत्र से जुड़े घटनाक्रम भी चर्चा का विषय रहेंगे। संसद का यह सत्र 16 दिसंबर को समाप्त हो रहा है। सरकार बहुप्रतीक्षित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से संबंधित विधेयक को पारित कराने की कोशिश करेगी। लॉरस लैब का आईपीओ भी निवेशकों की रडार पर होगा। इस आईपीओ का प्राइस बैंड 426 रुपये से 428 रुपये प्रति शेयर पर निर्धारित हुआ है। इस आईपीओ के लिए नीलामी छह दिसंबर को शुरू होगी और आठ दिसंबर को बंद होगी।
वैश्विक मोर्चे पर अमेरिका के नवंबर माह के गैर कृषि आकंड़ों के नतीजे भी जारी किए जाएंगे। मार्किट इकोनॉमिक्स चीन, अमेरिका, यूरोजोन और जापान के सेवा क्षेत्र के नतीजे पांच दिसंबर को जारी होंगे। अमेरिका में शिकागो संघीय रिजर्व बैंक के अध्यक्ष चार्ल्स इवान्स शिकागो में 'द एग्जिक्यूटिव्स क्लब ऑफ शिकागो सीईओ ब्रेकफास्ट' को संबोधित करेंगे जिस पर निवेशकों की निगाहें बनी रहेंगी।
यूनिवर्सिटी ऑफ मिशिगन का उपभोक्ता सर्वेक्षण केंद्र नौ दिसंबर को कंज्यूमर सेंटीमेंट के प्राथमिक अनुमानों को जारी करेगी। इसके साथ ही चार दिसंबर यानी रविवार को इटली में संवैधानिक जनमत संग्रह भी होना है, जिसमें उसके यूरोपीय संघ (ईयू) में बने रहने या नहीं बने रहने का फैसला लिया जाएगा। आईएएनएस