नई दिल्ली, 1 जुलाई (वीएनआई)| संसद के केंद्रीय सभागार से आजादी के बाद का सबसे बड़ा कर सुधार माना जा रहा वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) शुक्रवार मध्यरात्रि को लागू हो गया। राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक साथ बटन दबाकर जीएसटी को लागू किया। जीएसटी में 17 छोटे-बड़े करों को समाहित किया गया है। जीएसटी पर 14 वर्षो के विचार-विमर्श के बाद लागू किया गया है।
एक देश, एक कर, एक बाजार के सिद्धांत पर आधारित इस कर को उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी, पूर्व प्रधानमंत्री एच.डी.देवगौड़ा, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, वित्त मंत्री अरुण जेटली, सांसदों, कई राज्यों के मुख्यमंत्रियों, राज्यों के वित्त मंत्रियों और केंद्र एवं राज्य सरकारों के अधिकारियों की उपस्थिति में लागू किया गया। इस दौरान आयोजित कार्यक्रम का कांग्रेस, तृणमूल कांग्रेस, राष्ट्रीय जनत दल (आरजेडी), डीएमके और वाम दलों ने बहिष्कार किया। विपक्षी दलों ने जीएसटी को केंद्र सरकार के प्रचार का हथकंडा बताया। इस कार्यक्रम से पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी दूरी बनाए रखी। हालांकि, राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) और समाजवादी पार्टी के सांसदों ने इस कार्यक्रम में शिरकत की।
राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी ने शुक्रवार को जीएसटी के लांच मौके पर कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का लागू होना देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण है और यह देश की परिपक्वता एवं विवेक की भेंट है। मुखर्जी ने कहा कि आगामी महीनों में जीएसटी परिषद और केंद्रीय और राज्य सरकारें लगातार इसकी समीक्षा करेंगी और इसमें सुधार करेंगी। मुखर्जी ने संसद के केंद्रीय सभागार से अपने संबोधन में कहा, "जीएसटी का लागू होना देश के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण क्षण है। यह ऐतिहासिक क्षण उस 14 वर्ष की यात्रा की समाप्ति है, जो दिसंबर 2002 में शुरू हुई थी। जब केलकर टास्क फोर्स ने मूल्य वर्धित कर सिद्धांत के आधार पर एक समग्र वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का सुझाव दिया था। मुखर्जी ने कहा, "वित्त मंत्री के तौर पर मैं जीएसटी की रूपरेखा और इसके क्रियान्वयन में में शामिल रहा। यह व्यक्तिगत रूप से मेरे लिए संतुष्टि भरा क्षण भी रहा क्योंकि वित्त मंत्री के तौर पर मैंने 22 मार्च 2011 को संविधान संशोधन विधेयक पेश किया था।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) से देश को एक नए मुकाम पर पहुंचाने में मदद मिलेगी और इस उपलब्धि को किसी एक पार्टी या किसी एक सरकार की उपलब्धि के तौर पर नहीं देखा जाना चाहिए। मोदी ने संसद के केंद्रीय सभागार में जीएसटी लांच करते हुए कहा, "हम देश के उज्ज्वल भविष्य का मार्ग प्रशस्त करने पर विचार कर रहे हैं। हम जीएसटी के लांच के साथ आज मध्यरात्रि से एक नया अध्याय शुरू करने जा रहे हैं, जो किसी एक पार्टी या सरकार की उपलब्धि नहीं है बल्कि यह सामूहिक विरासत है। यह हमारे सामूहिक प्रयासों का नतीजा है। मोदी ने जीएसटी को 'गुड एंड सिंपल टैक्स' कहते हुए कहा कि शुरुआत में थोड़ी समस्या होगी लेकिन उचित समय पर सभी इससे परिचित हो जाएंगे।
केंद्रीय वित्तमंत्री अरुण जेटली ने शुक्रवार को कहा कि वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) का क्रियान्वयन कर देश इतिहास रच रहा है। एक कर, एक देश और एक बाजार की व्यवस्था के साथ देश के समक्ष आर्थिक स्तर पर व्यापक संभावनाएं खुलेंगी। जेटली ने सभी राजनीतिक दलों से जीएसटी का समर्थन कर देश हित में इस संकीर्ण सोच वाली राजनीति से ऊपर उठने का आह्वान किया। जेटली ने जीएसटी लांच के लिए आयोजित विशेष कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, "हम आज देश की एक महत्वपूर्ण यात्रा के लिए इकट्ठा हुए हैं। हम जीएसटी के लांच के साथ इतिहास रचने की प्रक्रिया में हैं।