पठानकोट आतंक - शहीद गुरसेवक की लाल चूड़ा पहने नवविवाहिता ने बिलखते हुए पति को दी विदाई

By Shobhna Jain | Posted on 4th Jan 2016 | देश
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गरनाला ,अंबाला, 4 जनवरी (सुनील कुमार /वी एन आई ) पठानकोट में आतंकियों का सामना करते वक्त शहीद हुए 25 वर्षीय गुरसेवक का आज यहाँ शहीद गुरसेवक रहे अमर रहे के नारो के साथ भाव विह्वल परिजनों और कृतज्ञ देशवासियो ने उनको अश्रुपूर्ण विदाई दी गरूण कमांडो गुरसेवक के पैतृक गांव गरनाला में राजकीय सम्मान के साथ उनका अंतिम संस्कार कर दिया गया। घर में 45 दिन की नव विवाहिता हाथो में सुहाग का प्रतीक लाल चूड़ा पहने उनकी पत्नी जसप्रीत कौर ने बिलखते हुए रो रो कर उन्हें विदाई दी ,उन्हें बिलखते देख कोई भी अपने ऑसू नहीं रोक पाया उनकी पत्नी जसप्रीत कौर को फेसबुक से गुरसेवक की शहादत की खबर पता चली। उन्होंने अपना फेसबुक अकाउंट खोला तो गुरसेवक के एक दोस्त की पोस्ट पढ़कर सन्न रह गई थी।शहीद की की शव यात्रा में सैंकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे, एयरफोर्स और सेना के जवानों ने सलामी दी। बहादुर बेटे को अंतिम विदाई के मौके पर पिता सुच्चा सिंह भावुक हो गए। चचेरे भाई अमनप्रीत सिंह ने बताया कि गुरसेवक दसवीं तक गांव के ही स्कूल में पढ़े। वह खेलकूद में भी हमेशा अव्वल आता था। उसने अम्बाला सिटी के एसए जैन स्कूल से बारहवीं पास की और डीएवी कॉलेज से स्नातक। वह कबडडी का चैंपियन था। गुरसेवक के बड़े भाई हरदीप सिंह को गुरसेवक की शहादत का समाचार मिला तो वह धर्मशाला स्थित अपनी यूनिट से पठानकोट के लिए रवाना हो गए थे। हालांकि अंतिम संस्कार से पूर्व शहीद को श्रद्धांजलि देने के लिए मुख्यमंत्री मनोहर लाल भी पहुंचने वाले थे, लेकिन किसी कारणवश वह नहीं आ सके। कैबिनेट मंत्री अनिल विज, नायब सिंह सैनी, कैप्टन अभिमन्यु के अलावा कई कांग्रेसी और इनेलो नेताओं ने भी शहीद को श्रद्धांजलि अर्पित की। शहीद गुरसेवक सिंह का पार्थिव शरीर अंबाला में उनके घर पहुंचा। हरियाणा के सीएम ने 20 लाख की आर्थिक मदद का एलान किया। शहीद गुरसेवक सिंहपंजाब के पठानकोट में आतंकियों से लड़ते हुए शहीद हुए डिफेंस सिक्योरिटी कोर के कुलवंत सिंह और गुरसेवक सिंह का पार्थिव शरीर उनके घर पहुंचा. कुलवंत सिहं गुरदासपुल जिले के झंडा गुजारा गांव के रहने वाले थे . उनके अंतिम दर्शन के लिए सैकड़ों लोगों का हुजूम उमड़ा था. दोनों का पार्थिव शरीर आज उनके पैतृक गृह पर पहुंचा. पूरे सैन्य सम्मान के साथ सेना के जवान और अधिकारी वहां थे. यह खबर सुनकर आसपास के गांवों के लोग भी मौके पर पहुंच गए थे. शहीदों की याद में नारे लगाए जा रहे थे.वी एन आई

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