च्वाईस आधारित क्रेडिट सिस्टम (सीबीसीएस) के खिलाफ दिल्ली विश्वविधालय में भारी विरोध

By Shobhna Jain | Posted on 13th Mar 2015 | देश
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नई दिल्ली, 13 मार्च, (वीएनआई) क्रांतिकारी युवा संगठन (केवाईएस) के कार्यकर्ताओं, दिल्ली विश्वविधालय के छात्र-छात्राओं, और शिक्षकों ने दिल्ली विश्वविधालय के नार्थ कैंपस स्थित आर्ट फैकल्टी मुख्य द्वार पर बीते बुधवार को च्वाइस आधारित क्रेडिट सिस्टम के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया | संगठन ने बताया है कि च्वाइस आधारित क्रेडिट सिस्टम अगले अकादमिक सत्र से देश के विभिन्न उच्च शिक्षण संस्थानों में लागू होने वाला है| दिल्ली विश्वविधालय के विभिन्न कॉलेजों के छात्र-छात्राओं ने भी इस प्रदर्शन में भाग लिया| दिल्ली विश्वविधालय के विभिन्न कॉलेजों के बीच में भारी गैरबराबरी है जिसके कारण ‘च्वाइस’ महज एक शब्द बनकर रहेगा| सभी स्टूडेंट्स उन्ही कुछ कॉलेजों में पढना चाहेंगे जो सर्वश्रेष्ट कॉलेज हैं जिसके कारण फिर से कट-ऑफ़ की व्यवस्था लायी जाएगी| अतः गैरबराबरी व्याप्त विश्वविधालय में ‘च्वाइस’ बहुसंख्यक स्टूडेंट्स के लिए स्वप्न ही रहेगा| इस विरोध प्रदर्शन में स्कूल ऑफ़ ओपन लर्निंग के छात्रों ने भी भारी संख्या में अपनी भागीदारी निभायी| विदित हो कि एसओएल के छात्र-छात्रा लगातार दिल्ली विश्वविद्यालय के मोर्निंग कॉलेजों में रेगुलर इवनिंग कक्षाओं के लिए संघर्ष कर रहे हैं| क्रांतिकारी युवा संगठन के कार्यकर्त्ता शाहनवाज़ जमन, जो कॉरेस्पोंडेंस छात्रों के आन्दोलन के संयोजक रहे हैं ने अपने वक्तव्य के दौरान ये बात कही “ हमने चार वर्षीय स्नातक कार्यक्रम (एफवाईयूपी) के खिलाफ भी संघर्ष किया था| सीबीसीएस न सिर्फ छात्र-विरोधी है बल्कि इससे एसओएल के कोर्सेस डीवैल्यू (DEVALUE) हो जायेंगे| एसओएल में अभी तक सेमेस्टर सिस्टम नहीं लाया गया है| हम आह्वान करते हैं सभी कॉरेस्पोंडेंस स्टूडेंट्स से सेमेस्टर सिस्टम और सीबीसीएस का विरोध करने के लिए| एसओएल छात्रों को तो अभी तक विषय भी चुनने का अधिकार नहीं है| अभी तक एसओएल में हिंदी, इतिहास, अर्थशास्त्र में स्नातक के कोर्स नहीं हैं|” क्रांतिकारी युवा संगठन के अन्य कार्यकर्ता रोहित सिंह जो इस आन्दोलन के अगुआ रहे हैं ने अपनी बात रखते हुए कहा कि “ सुधार इस समय ये होना चाहिए था कि नए कॉलेज/विश्वविद्यालय बनाये जाए| अभी देश के 82% युवा उच्च शिक्षा से बाहर हैं| सरकार मजदूर-गरीब किसानों के परिवारों से आये हुए युवाओं के बारे में बिलकुल भी चिंतित नहीं दिखती है|

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