नई दिल्ली, 14 फरवरी(सुनील,वीएनआई) दिल्ली के मुख्यमंत्री केजरीवाल ने शनिवार को केंद्र सरकार के साथ रचनात्मक सहयोग की इच्छा जताते हुए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की।
केजरीवाल ने रामलीला मैदान में शपथ-ग्रहण करने के बाद कहा, \"चुनाव नतीजे आने के बाद मैंने प्रधानमंत्री से मुलाकात की और कहा कि पिछले लगभग 15 सालों से भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने चुनावी घोषणा-पत्र में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की बात कहती रही है। दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के लिए इससे सुनहरा मौका और कोई नहीं हो सकता, क्योंकि केंद्र में भाजपा की सरकार है और दिल्ली में आप की पूर्ण बहुमत वाली सरकार।\"
केजरीवाल ने केंद्र सरकार के साथ रचनात्मक साझेदारी की इच्छा जताते हुए दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने की मांग की। केजरीवाल ने कहा, \'मुझे यकीन है कि प्रधानमंत्री दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के बारे में सोचेंगे। प्रधानमंत्री के पास बहुत काम होते हैं। उन्हें पूरे देश को देखना होता है और विदेश भी जाना होता है। इसलिए जब वह प्रधानमंत्री से मिले तो उनसे कहा कि दिल्ली को दिल्ली वालों पर छोड़ दीजिए।\' हालांकि, यह भी एक तथ्य है कि बीजेपी ने इस बार अपने विजन डॉक्युमेंट में दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का कोई वादा नहीं किया था।
उन्होंने कहा, \"हम केंद्र सरकार के साथ मिलकर काम करना चाहते हैं, हम रचनात्मक साझेदारी चाहते हैं, ताकि दिल्ली को एक बेहतर स्थान बनाया जा सके।\"
गौरतलब है कि कि दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा देने के दो ्बिंदु हैं- संवैधानिक और व्यावहारिक. संविधान के मुताबिक दिल्ली एक केंद्र शासित प्रदेश है लेकिन इसकी अपनी विधानसभा है.
हालांकि संसद विशेष बहुमत से दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दे सकती है लेकिन लोकसभा में फिलहाल आम आदमी पार्टी के 4 सांसद हैं जबकि राज्यसभा में एक भी सांसद नहीं. मतलब इस मामले में वो पूरी तरह से बीजेपी के पर निर्भर करेगी .
अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा दिया जाता है तो इसका व्यावहारिक पहलू ज्यादा जटिल हैं. दिल्ली में राष्ट्रपति भवन है, संसद है, केंद्र सरकार है, केंद्र सरकार के तमाम प्रतिष्ठान हैं लेकिन अगर दिल्ली को पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाता है तो फिर ये सारे व्यावहारिक तौर पर दिल्ली सरकार के किरायेदार बनकर रह जाएंगे.
दिल्ली को अगर पूर्ण राज्य का दर्जा मिल जाता है तो फिर पुलिस भी राज्य सरकार के अधीन होगी.वी एन आई