नई दिल्ली 10 अप्रैल (वीएनआई ) बेहद साधारण परिवार मे जन्मे प्रतिभाशाली क्रिकेटर रिंकू सिंह आज जहां हैं, वहां तक पहुंचने के लिए उन्हें कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। उनके पिता एक एलपीजी सिलेंडर डिलीवरी का काम करते हैं और उनके बड़े भाई एक ऑटो-रिक्शा चलाते हैं, रिंकू पढाई मे काफी ्कमज़ोर थे और नौवीं कक्षा में फेल होने के बाद उन्होने पढाई छोड दी पर क्रिकेट के जज़्बे और जुनून के साथ उन्होंने क्रिकेट मे अथक मेहनत करके नाम और शोहरत कमाई
एक समय पर रिंकू का परिवार कर्ज में डूबा हुआ था, पर क्रिकेट से अपनी कमाई से उन्होने अपने परिवार का कर्ज चुकाया। 2018 में, रिंकू की अथक मेहनत और जज़्बे के कारण ही आईपीएल नीलामी में मुंबई इंडियंस और कोलकाता नाइट राइडर्स दोनों ने ही उनओ मांगा हालांकि केकेआर ने बोली की लड़ाई जीत ली और प्रतिभाशाली 20 वर्षीय खिलाड़ी को भारी भरकम 80 लाख की कीमत में साइन कर किया।
रिंकू ने अपनी क्रिकेट यात्रा लगभग एक दशक पहले शुरू की थी, और 2013 में, उन्हें उत्तर प्रदेश की अंडर -16 टीम का प्रतिनिधित्व करने के लिए चुना गया था। कुछ साल बाद उन्हें एक आक्रामक बल्लेबाज के रूप में उनकी प्रतिभा के लिए अंडर-19 टीम के लिए भी चुना गया था। उन्होंने 2013 में मुंबई इंडियंस द्वारा आयोजित एक शिविर के दौरान एक आक्रामक खिलाड़ी के रूप में अपनी योग्यता का प्रदर्शन किया, जब उन्होंने केवल 31 गेंदों पर 95 रनों की शानदार पारी खेली।
2017 में, किंग्स इलेवन पंजाब ने को उनके बेस प्राइस 10 लाख रुपये में खरीदा। हालांकि, 2018 की नीलामी में, रिंकू का मूल्य बढ़ गया और उन्हें केकेआर ने 80 लाख,रुपये में ्ले लिया जो उनके बेस प्राइस 20 लाख रुपये का चार गुना था हालाँकि उन्होंने खेले गए चार मैचों में केवल 29 रन बनाए, केकेआर ने उन्हें आक्रामक मध्य क्रम के बल्ले के रूप में बनाए रखने का फैसला किया। 2022 में, रिंकू को पिछले सीज़न की अपेक्षा ज़्यादा अवसर दिए गए और उन्होंने उनका फायदा उठाया। उन्होंने 174 के औसत से 172 रन बनाए और लखनऊ सुपर जायंट्स के खिलाफ शानदार 15 गेंदों में 40 रनों का पीछा किया इसके बावजूद केकेआर दो रनों से हार गया।
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