नई दिल्ली,९ जनवरी(वी एन आई)ट्विटर पर आने वाली मदद की गुहार पर उसका समाधान करने की पूरी कोशिश करने वाली विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के पास कई बार ऐसी शिकायते भी आ जाती उनके दायरे से बाहर होती है.हाल ही मे एक शख्स ने ऐसी मदद मांगी कि आम तौर पर संयम से बात करने वाली सुषमा को गुस्सा ही आ गया, लेकिन गुस्से के बावजूद उन्होने उस व्यक्ति के शिकायत सम्बद्ध विभाग को भिजवा ही दी.
कुछ महीने पहले एक व्यक्ति ने ट्विटर पर अपनी कार से निकलते धुएं का जिक्र करते हुए सुषमा स्वराज से मदद मांगी थी तो सुषमा स्वराज ने कार को गैराज ले जाने की सलाह दी थी. कल एक व्यक्ति ने सुषमा स्वराज से एक ऐसी मदद मांगी है, जो उनके दायरे में नहीं है.
दरअसल, पुणे आईटी में काम करने वाले एक व्यक्ति ने ट्विटर पर सुषमा स्वराज से मदद मांगते हुए लिखा कि क्या आप भारत में हमारा वनवास खत्म कर सकते हैं? मेरी पत्नी झांसी में एक रेलवे कर्मचारी हैं और मैं पुणे में एक साल से ज्यादा समय से आईटी में काम कर रहा हूं.
इस ट्वीट का जवाब देते हुए सुषमा स्वराज ने लिखा अगर आप और आपकी पत्नी मेरे मंत्रालय से होते और ट्विटर पर तबादले की इस तरह विनती की होती तो अब तक मैंने आपको निलंबन का ऑर्डर भेज दिया होता.
फिर भी इस व्यक्ति की मदद करने के लिए सुषमा स्वराज ने रेलवे मंत्री सुरेश प्रभु को ट्वीट करते हुए इस मामले की जानकारी दी.
सुरेश प्रभु ने इस ट्वीट को संज्ञान में लेते हुए सुषमा स्वराज को लिखा, इस मामले को मेरी नज़र में लाने के लिए धन्यवाद,मेरे द्वारा रखी गई नीति के हिसाब से मैं तबादले पर गौर नहीं करता. रेलवे बोर्ड इसके लिए सशक्त है और मैंने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को नियम के हिसाब से सही कदम उठाने के लिए बोला है.