नेशनल हेराल्ड मामले में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर सोनिया गांधी और राहुल गांधी को अदालत से राहत

By Shobhna Jain | Posted on 26th Dec 2016 | देश
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नई दिल्ली,२६ दिसंबर (वी एन आई) नेशनल हेराल्ड मामले में सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर पटियाला हाउस कोर्ट से आज कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत मिल गई. कोर्ट ने इस मामले मे स्वामी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि स्वामी को कांग्रेस की ए जी एल की बैलेंस शीट और आयकर संबंधी दस्तावेज उन्हे नहीं मिलेंगे. स्वामी ने इस याचिका में नेशनल हेराल्ड केस के दस्तावेज मांगे थे. अब इस मामले की अगली सुनवाई 10 फरवरी को होगी. आदेश मे पटियाला हाउस कोर्ट में कांग्रेस और नेशनल हेराल्ड अखबार की प्रकाशक कंपनी एसोसिएट जर्नल लिमिटेड ने सीलबंद लिफाफे में दाखिल किये गये दस्तावेज को वापस सरकारी विभागों को भेजने का आदेश दिया. गांधी परिवार की तरफ से दलील दी गई थी कि उन्हें बेवजह प्रताड़ित करने के मकसद से अदालत के समक्ष यह याचिका लगाई गई है. जिन दस्तावेजों की स्वामी मांग कर रहे हैं वह कांग्रेस पार्टी और एजेएल के गोपनीय दस्तावेज हैं. यह दस्तावेज स्वामी को नहीं दिए जाने चाहिए. उल्लेखनीय है कि नेशनल हेराल्ड अखबार की संपत्तियों का अवैध ढंग से उपयोग करने का सोनिया गांधी व राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी इस मामले को लेकर अदालत गये थे. पंडित नेहरू द्वारा स्थापित नेशनल हेराल्ड अखबार मामले में स्वामी ने सोनिया-राहुल के अलावा कुछ दूसरे कांग्रेस नेताओं का भी नाम सामने आया. गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड मामले में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और राहुल गांधी को लेकर पटियाला हाउस कोर्ट को अहम फैसला सुनाना था. कोर्ट को यह तय करना था कि बीजेपी सांसद सुब्रमण्यम स्वामी को कांग्रेस पार्टी की 2010-11 की बैलेंस शीट, आयकर रिटर्न और एसोसिएट जर्नल लिमिटेड के भी वित्तीय दस्तावेज बतौर सुबूत दिए जाएं या नहीं. दरअसल, 12 जुलाई को दिल्ली हाईकोर्ट ने पटियाला हाउस कोर्ट के फैसले को पलटते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और उपाध्यक्ष राहुल गांधी को बड़ी राहत दी थी. गौरतलब है कि ट्रायल कोर्ट ने उनको कांग्रेस और एसोसिएट जर्नल लिमिटेड की इनकम टैक्स बैलेंस सीट और मंत्रालयों के कागजात सौंपने का आदेश दिया था. हाईकोर्ट ने अपने आदेश में कहा था कि कानूनन कोई भी ऑर्डर देने से पहले आरोपी पक्ष को सुना जाना जरूरी है, जो इस मामले में नहीं किया गया. कोर्ट ने कहा कि इस मामले में सुब्रमण्यम स्वामी ने गंभीर तरीके से आवेदन नहीं लगाया और उसी तरीके से उस पर कोर्ट (पटियाला कोर्ट) ने आदेश दे दिए. स्वामी न तो गवाहों की लिस्ट के साथ इन कागजातों को जोड़ पाए और न ही यह बता पाए कि ट्रायल में इन कागजातों की क्या अहमयित है. दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट ने 11 मार्च को नेशनल हेराल्ड मामले में भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी की उस मांग को स्‍वीकार कर लिया था, जिसमें इंडियन नेशनल कांग्रेस (आईएनसी) और एसोसिएटिड जनरल प्रा.लि.(एजेएल) की वित्तीय जानकारी से जुड़े कुछ कागजात समन करने की मांग की गई थी. कोर्ट ने सभी संबंधित विभागों को आदेश जारी किया था कि वह संबंधित दस्‍तावेजों की प्रति सुब्रमण्‍यम स्‍वामी को दें. केस में कांग्रेस अध्यक्षा सोनिया गांधी, उनके पुत्र राहुल गांधी के अलावा कांग्रेस नेता मोती लाल वोरा, ऑस्कर फर्नांडिस, सुमन दुबे, सैम पित्रोदा आरोपी हैं. कोर्ट ने सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका पर दोनों पक्षों की तरफ से दलीलें पूरी होने के बाद उस पर अपना आदेश सुरक्षित रखने का फैसला सुनाया

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