लखनऊ,१० नवंबर (वी एन आई) बहुजन समाज पार्टी (बसपा) की अध्यक्ष मायावती ने केन्द्र सरकार पर 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों का चलन अवैध घोषित किये जाने पर आज प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी और उनकी भारतीय जनता पार्टी पर खुल कर तीखा हमला करते हुए इससे देश में ‘अघोषित आर्थिक इमर्जेन्सी’ जैसा वातावरण बना है. उन्होने आरोप लगाया कि नरेन्द्र मोदी सरकार ने ढाई साल के अपने कार्यकाल में अपना ‘पूरा बंदोबस्त’ करने के बाद जनता में त्राहि-त्राहि मचाने वाला यह कदम उठाया.
मायावती ने यहां प्रेस कांफ्रेंस में कहा कि केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव नजदीक आता देख अपनी कमियों से जनता का ध्यान हटाने के लिए चुनाव से ऐन पहले देश में कालेधन पर अंकुश लगाने के लिये इमर्जेन्सी लगाने जैसा वातावरण पैदा किया है. इससे देश में 90 प्रतिशत लोग दुखी हैं.उससे पूरे देश में हर तरफ अफरातफरी का माहौल है. परसों रात लोग सड़कों पर ऐसे उतरे मानो भूकंप आ गया हो. कश्मीर से कन्याकुमारी तक जनता में त्राहि त्राहि मच गई.
उन्होंने कहा कि मोदी सरकार के इस फैसले के बाद लोगों में यह चर्चा है कि केन्द्र ने अपने ढाई साल के कार्यकाल में अपना और अपनी पार्टी की आर्थिक मजबूती का ‘सारा बंदोबस्त’ कर और पूंजीपतियों को बड़े पैमाने पर लाभ पहुंचाने के बाद आम जनता को परेशान करने का ये कदम उठाया है. जब यह पूरा काम हो गया तो उनको काले धन की याद आई.मायावती ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष अमित शाह केन्द्र सरकार द्वारा 500 रुपये और 1000 रुपये के नोटों की वैधता खत्म किए जाने को ‘सर्जिकल स्ट्राइक’ बताकर प्रधानमंत्री मोदी की तारीफ करके ‘अंधभक्ति’ कर रहे हैं. सर्जिकल स्ट्राइक का क्षेत्र सीमित और लक्षित होता है. अगर देश के 500 या 1000 बड़े पूंजीपतियों के यहां एक साथ छापेमारी होती तो इसके काले धन के खिलाफ सर्जिकल स्ट्राइक माना जाता और जनता भी इसकी सराहना करती
बसपा अध्यक्ष ने आरोप लगाया कि केन्द्र ने इतना बड़ा फैसला लेने से पहले गरीबों के बारे में नहीं सोचा. मायावती ने कहा, मैं कहना चाहती हूं कि इस फैसले से कालाबाजारी बढ़ गई है. कुछ देर के लिए पेट्रोल पम्पों पर लूट हुई. भाजपा ने उनसे साठगांठ की है कि जितना कमाना है कमा लो, कुछ हिस्सा हमको दे देना. अस्पतालों और मेडिकल स्टोर पर लोगों को भारी परेशानियां हुईं. उन्होंने कहा कि सबसे बड़ा नुकसान गरीबों, मजदूरों और छोटे कारोबारियों को हुआ. भाजपा का वोट बैंक वे गरीब लोग नहीं हैं. जनता आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा एण्ड कम्पनी को इसकी सख्त सजा देगी.
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि बड़े करेंसी नोट अचानक बंद करने के फैसले को भी देखा जाए तो यह भी उस मानक पर पूरी तरह खरा नहीं उतरता, जिसकी केन्द्र सरकार कल्पना कर रही थी.
उन्होंने कहा कि देश में छुपाकर रखा गया कालाधन बाहर निकालने के लिए केन्द्र की हाल की योजना में अपनी सम्पत्ति घोषित करने वालों के नाम सरकार ने उजागर नहीं किये हैं. यह भी चर्चा है कि इस योजना का सबसे ज्यादा लाभ गुजरात के लोगों ने उठाया है. उस कालेधन की रकम जो सरकार के खजाने में आया है, उससे दलितों और गरीबों के हित में कार्य किये जाने चाहिये था.
बसपा अध्यक्ष ने कहा कि केन्द्र की पिछली कांग्रेस और वर्तमान भाजपा सरकार के चाल, चरित्र, चेहरा, नीति एवं नियत में तिल भर भी परिवर्तन नजर नहीं आ रहा है.
मायावती ने कहा कि पहले की ही तरह हर स्तर पर देश के लोगों में मायूसी छायी है. बेरोजगारी, महंगाई पहले जैसी ही बनी हुई है. विशेषकर दलित, पिछड़े, मुस्लिम एवं अन्य धार्मिक अल्पसंख्यक समाज के लोग विभिन्न स्तरों पर जुल्म और ज्यादती के शिकार हो रहे हैं. हर समय उन पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का डंडा चलता रहता है.वी एन आई