नई दिल्ली, 15 मई (वीएनआई), तीन तलाक को लेकर सुप्रीम कोर्ट में पांच जजों के संविधान पीठ में सुनवाई आज भी जारी रहेगी.एटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी इस मामले मे केंद्र सरकार ्का पक्ष रखेंगे. न्यायालय ने इस मामले की सुनवाई के दौरान को ले कर कई सवाल पूछे थे मसलन कहा था कि ट्रिपल तलाक को इस्लाम के विभिन्न स्कूल ऑफ थाट्स में इसे वैध माना गया है. ट्रिपल तलाक क्या परंपरा है या शरियत का हिस्सा है?
क्या जो धर्म के मुताबिक ही जो बेहद खराब है वो कानून के तहत वैध ठहराया जा सकता है? जो ईश्वर की नजर में पाप है क्या उसे शरियत में लिया जा सकता है? बहुत सारे लोग देश में मौत का सजा को सिन यानी पाप मानते हैं लेकिन कानूनन ये वैध है. अगर भारत में ट्रिपल तलाक विशिष्ट है तो दूसरे देशों ने कानून बनाकर ट्रिपल तलाक को खत्म कर दिया? इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने गत दिसंबर को तीन तलाक को मुस्लिम महिलाओ के अधिकारो के विरुद्द्ध बताते हुए इसे असंवैधानिक माना था
वहीं निजी तौर पर कोर्ट की मदद कर रहे पूर्व कानून मंत्री और कांग्रेसी नेता सलमान खुर्शीद ने कहा था कि मेरी निजी राय में ट्रिपल तलाक पाप है, लेकिन ए आई एम पी एल बी का कहना है कि ट्रिपल तलाक बेहद खराब है लेकिन तब भी वैध है. वहीं, ऑल इंडिया मुस्लिम महिला पर्सनल ला बोर्ड ने भी तीन तलाक को गैरकानूनी करार दिया है.