नई दिल्ली,२४ अप्रैल (वी एन आई)ईवीएम की निष्पक्षता को ले कर अनेक राजनैतिक दलो द्वारा लगाये गये आरोपो के बीच भारत के निर्वाचन आयोग (ईसीआई) ने कहा है कि वह 2019 तक केंद्र सरकार के स्वामित्व वाली दो कंपनियों, बेल (बीईएल) और ईसीआईएल से 16,15,000 वोटर वैरिफिएबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपैट) मशीनें खरीदेगा.। एक आधिकारिक वक्तव्य में यह घोषणा की गई। निर्वाचन आयोग द्वारा खरीदी जाने वाली इन वीवीपैट मशीनों की अनुमानित कीमत 3,173.47 करोड़ रुपये है।
भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड (बीईएल) और इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) के अध्यक्ष व प्रबंध निदेशकों को 21 अप्रैल को भेजे गए पत्र के अनुसार, निर्वाचन आयोग ने हर पीएसयू से 8,07,500 वीवीपैट की खरीदारी की इच्छा जाहिर की है।
जानकारो का मानना है कि वी वी पेट की प्रणाली शुरू हो जाने से ई वी एम के बटन दबाने के साथ ही एक नोट पेड पर भी उसकी प्रति आ जायेगी जिससे अनियमितता संबंधी किसी चुनावी फैसले मे इस नोट पेड को देखने से स्थति स्पष्ट हो जायेगी
इस बयान में कहा गया, "यह वीवीपैट दोनों पीएसयू द्वारा तकनीकी विशेषज्ञों की इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों की समिति की सिफारिश के अनुसार अनुमोदित डिजाइन के तहत निर्मित किए जाएंगे। इसमें कहा गया कि ईसीआई वीवीपैट की समय से आपूर्ति किए जाने के लिए उत्पादन पर बारीकी से नजर रखेगी, जिससे इसकी आपूर्ति 2019 के आम चुनावों से पहले समय हो सके। बयान में मुख्य चुनाव आयुक्त नसीम जैदी के हवाले से कहा गया, इससे पारदर्शिता बढ़ेगी और मतदाता यह जान सकेंगे कि उन्होंने किस पार्टी को वोट दिया। इससे मतदाताओं का निष्पक्ष और स्वतंत्र चुनाव प्रक्रिया में विश्वास बढ़ेगा।