विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उड्डयन बाजार होगा भारत

By Shobhna Jain | Posted on 10th Jul 2017 | देश
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नई दिल्ली, 10 जुलाई भारत में नागरिक उड्डयन व्यवसाय तेजी से विकसित हो रहा है और वर्तमान में यह विश्व का नौवां सबसे बड़ा बाजार है, लेकिन 2020 तक भारत विश्व का तीसरा सबसे बड़ा बाजार बनकर उभरेगा। नागर विमानन मंत्रालय ने एक बयान में कहा कि पिछले 75 वर्षो के दौरान कुल 75 हवाई अड्डे संचालन में रहे, जबकि मात्र एक वर्ष में 33 हवाई अड्डों को नियमित उड़ानों के लिए शामिल किया जा रहा है। क्षेत्रीय हवाई कनेक्टिविटी बढ़ाने के लिए भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण की अगले दो वर्षो में 50 हवाई अड्डों को पुनर्जीवित करने और संचालित करने की योजना है। नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा सात जुलाई को 'विंग्स 2017 - सब उड़ें, सब जुड़ें, बढ़ती क्षेत्रीय कनेक्टिविटी' के प्रथम संस्करण का आयोजन किया गया। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्री पी. अशोक गजपति राजू ने पूरे सत्र की अध्यक्षता की। इस अवसर पर केंद्रीय नागरिक उड्डयन राज्य मंत्री जयंत सिन्हा भी उपस्थित थे। विंग्स 2017 की उपलब्धियों में प्रमुख हैं-नए मार्गो की पहचान और विक्रय, गंतव्य स्थान और सबसे बढ़कर पूरे देश के नागरिकों के लिए हवाई यात्रा को सुलभ बनाना। विंग्स 2017 में लगभग 338 प्रतिनिधियों ने भाग लिया। विमानन क्षेत्र के प्रमुख भागीदारों जैसे राज्य सरकार, पर्यटन विभाग, भ्रमण संचालकों, विमान कंपनियों, हवाई अड्डा संचालक कंपनियों, कार्गो कंपनियों ने कार्यक्रम में हिस्सा लिया। 19 राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों ने केंद्र सरकार द्वारा 'आरसीएस-उड़ान' के अंतर्गत दी जा रही सुविधाओं के अतिरिक्त प्रोत्साहन के लिए विशेष पैकेज प्रदान करने का आश्वासन दिया। उड्डयन क्षेत्र के अंतर्गत राज्य सरकारें एक प्रमुख भागीदार हैं और वे अपने राज्यों के अंदर सहित राज्य के बाहर भी उड्डयन क्षेत्र का विस्तार करना चाहती हैं।--आईएएनएस

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