नई दिल्ली,4 फरवरी (सुनील कुमार/वीएनआई)उद्द्योग और सेवा क्षेत्र के आकलन के अनुसार सरकारी की मेक इन इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसी फ्लेगशिप परियोजनाओं से अगले वित्तीय वर्ष 2017 में रोजगार के 5 लाख से भी ज्यादा अवसर बनेंगे।
मैनपावर ग्रुप इंडिया, केली सर्विसेज और टीमलीज सर्विसेज जैसी फर्मों को रेल और मेट्रो ट्रांसपोर्ट, कंस्ट्रक्शन, एनर्जी, पार्ट्स और अन्य इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर्स में कर्मचारियों की मांग में चार गुना की बढ़ोतरी होने की उम्मीद है। इन कंपनियों का तो यहा तक मानना है कि जॉब सेक्टर में इस सुधार के चलते लीडरशिप रोल पर सैलरी एक करोड़ रुपए से भी अधिक पहुंच सकती है।
अगले साल टॉप और मिडल लेवल पर सैलरी में 30 फीसदी तक की बढ़ोतरी हो सकती है। एक अनुमान के अनुसार कि 2020 तक कई क्षेत्रों से जुड़े नए प्रोजेक्ट में करीब 16 लाख रोजगार पैदा होंगे। वर्ष 2016-17 तक नए प्रोजेक्ट्स से पांच लाख नई नौकरियां पैदा हो सकती हैं। वर्तमान में स्नाइडर इलेक्ट्रिक इंडिया पावर, ऑयल एंड गैस, रिन्यूएबल एनर्जी, इंडस्ट्री ऑटोमेशन, बिल्डिंग, रेसिडेंशियल और एनर्जी जैसे सेक्टरों में प्रोजेक्ट मैनेजर्स हायर कर रही है। भारत सरकार की मेक-इन-इंडिया और स्मार्ट सिटी जैसी महत्वाकांक्षी योजनाओं से वित्त अगले वर्ष 2017 में विभिन्न सेक्टरों में पांच लाख से अधिक नौकरियां आने की संभावना है. रेल, मेट्रो ट्रांसपोर्ट, कंस्ट्रक्शन, पोर्ट, इन्फ्रास्ट्रक्चर और रिन्यूएबल एनर्जी आदि सेक्टरों में अलग-अलग स्तरों के लिए नौकरियां आयेंगी. मेक-इन-इंडिया के तहत इंजीनियरिंग और फाइनेंस सेक्टर में प्रोफेशनल की अलग-अलग स्तरों पर मांग बढ़ेगी. विशेषज्ञों का मानना है कि इंजीनियरिंग व टेक्नोलॉजी में स्पेशलाइजेशन वाले उम्मीदवारों के लिए प्रोजेक्ट मैनेजर, प्रोग्राम मैनेजर जैसे पदों पर ढेरों मौके होंगे. इसके अलावा इ-गवर्नेंस, डिजिटलाइजेशन जैसे फर्मों में मांग बढ़ने के पूरे आसार हैं.
2020 तक विभिन्न सेक्टरों में शुरू होने वाले नये प्रोजेक्ट के तहत16 लाख नयी नौकरियों के आने की संभावना हैं.वी एन आई