नई दिल्ली 18 जुलाई (साधना अग्रवाल वीएनआई) भारत मे अर्थव्यवस्था बढ़ने के साथ रोज़गार के अवसरों में भी वृद्धि हुई है इसके बावजूद बड़ी संख्या मे इंजीनियर, एमबीए और तकनीकी ग्रेजुएट्स अभी भी बेरोज़गार है, इससे निबटने के लिये विद्यार्थी को कुछ छोटी छोटी पर बेहद महत्वपूर्ण बातों का ध्यान रखना चाहिये जिससे उन्हे बेरोज़गारी जैसी विकराल समस्या का सामना ही न करना पड़े
मेरिट प्राप्त विद्यार्थी सिर्फ किताबी कीड़ा बन कर न रहें उन्हे इसके अलावा अन्य क्षेत्रों पर भी ध्यान देनी चाहिये, यह एक बहुत बड़ा हुनर है जिससे उन्हे जल्दी प्लेसमेंट मिल सकता है, विद्यार्थी को इस तरफ भी ध्यान रखना चाहिये कि प्लेसमेंट के लिए अगर कंपनियां न आएं तो उनसे खुद ही संपर्क में रहना पड़ेगा .
अंग्रेज़ी जानना आजकल बेहद ज़रूरी हो गया है, हिन्दी भाषी स्टुडेंट्स को कई बार बेहद प्रतिभाशाली होने के बावजूद सही प्लेसमेंट नही मिल पाता क्योंकि उनका अंग्रेज़ी का ज्ञान इतना नही है कि वो अंतरराष्ट्रीय कंपनियों के साथ कम्युनिकेट कर सके, इसके लिये बेहद ज़रूरी है कि हिंदी भाषी छात्र अंग्रेज़ी के कोर्स करें, यूं भी आजकल अंग्रेज़ी सीखना ज़्यादा कठिन नही रह गया है अगर लगन हो तो ऑनलाईन इंग्लिश क्लासिज़ से ही ये भाषा अच्छी तरह सीखी जा सकती है,
एक सर्वे के अनुसार 60 प्रतिशत ग्रेजुएट्स किसी भी समस्या को सुलझाने में सफल नहीं हो पाते, उन्हें अपने क्षेत्र की पूरी जानकारी भी नहीं होती.विशेषज्ञों के अनुसार इसके लिये अच्छी डिग्री के साथ ही संबंधित क्षेत्र व विषय की पूरी जानकारी, अर्थव्यवस्था की जानकारी, कम्यूनिकेशन स्किल, बाज़ार की समझ, जनरल नॉलेज, प्रेजेंटेशन स्किल व टीम भावना जैसी महत्वपूर्ण समझ जिन स्टुडेंट्स मे होती है उन्हे प्लेसमेंट मिलना कतई मुश्किल नही है