नई दिल्ली, 14 जुलाई (जेसुनील,वीएनआई) जर्मनी के बॉन शहर में हाल मे विश्व विरासत समिति (यूनेस्को की वर्ल्ड हेरिटेज समिति) के 39वें सत्र में दुनिया भर के कुल 24 स्थलों को यूनेस्को हेरिटेज साईट की सूची मे दर्ज कर लिया ,उम्मीद है कि अगले बरस इस्तांबुल मे होने वाली विश्व धरोहर समिति की बैठक मे दिल्ली को भी यह दर्जा मिल सकता है. गौरतलब है कि दिल्ली मे ढांचागत विकास संबंधी कार्यो मे व्यवधान आने की आशंका के चलते इस बार बैठक से ्कुछ पहले ही इस रेस से से दिल्ली का नाम वापस ले लिया गया था.
ऐतिहासिक इमारतों और पुरातत्विक महत्व के कई स्थलों को समेटे हुए भारतीय राजधानी दिल्ली को यूनेस्को के विश्व धरोहरों की सूची में शामिल होने की बहुत पहले से उम्मीद की जाती रही है. लेकिन इस बार जर्मनी के बॉन शहर में 28 जून से 8 जुलाई के बीच जिन नामों पर विचार हुआ उनमें दिल्ली नहीं थी. सूत्रो के अनुसार दिल्ली की वर्तमान आम आदमी पार्टी की सरकार ने इस प्रतिष्ठित उपाधि को दिल्ली के नाम करने में दिलचस्पी दिखाई भी थी.लेकिन केन्द्र सरकार ने कुछ महीने पहले ही दिल्ली का नामांकन वापस लेने का निर्णय लिया क्योकि ऐसी आशंका थी कि दिल्ली को विश्व धरोहर का दर्जा मिलने पर \"कई तरह के प्रतिबंधों\" का सामना करना पड़ सकता है, जिससे दिल्ली में ढांचागत विकास के प्रोजेक्ट्स को आगे बढ़ाने में समस्या आ सकती है.जानकारो ने उम्मीद जताई है कि अगली बार सम्भवत दिल्ली इस सूची मे आ सकेगी क्योकि तकनीकी तौर पर दिल्ली का नामांकन \'वापस\' नहीं लिया गया बल्कि केवल \'स्थगित\' किया गया है, वैसे दिल्ली मे पूरे मानक है जिससे इसे यह दर्जा मिल सकता है, भारत मे अब तक कुल 32 साईट्स इस सूची मे है जिसमे ताजमहल,लाल किला, दक्षिण का चोला मंदिर, कुतुब मिनार,अंजता एलोरा की गुफाये, काजीरंगा अभयारण्य वगैरहजबकि दिल्ली सहित जयपुर, शांतिनिकेतन, अहमदाबद, चिल्का झील भारत की उन ४६ हेरीटेज साईटस मे शामिल है, जिनके बारे मे भारत के तरफ से इस्विश्व धरोहर सूची मे शामिल करने का आवेदन किया गया है
यूनेस्को की विश्व धरोहरों की अगली सूची इस्तांबुल में 10 से 20 जुलाई 2016 की बैठक के बाद सामने आएगी. गौरतलब है कि यूनेस्को दुनिया भर से विश्व इतिहास के लिए महत्वपूर्ण मानी जाने वाली सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहरों को चुनती है. इस सूची का उद्देश्य दुनिया की सबसे महत्वपूर्ण सांस्कृतिक और प्राकृतिक चमत्कारों की ओर ध्यान आकर्षित करना है. इससे इन स्थलों के संरक्षण में मदद मिलती है. दुनिया भर मे लगभग 1000 साईटस विश्व धरोहर सूची मे शामिल है. इस बार जो साईटसिस सूची मे शामिल् ्की गई है उनमे यमन का 2500 वर्ष पुरा ना साना \'ओल्ड सिटी ऑफ सना\' को संकटग्रस्त विश्व विरासत स्थल की सूची में शामिल किया है। समिति ने सना शहर की इस दुर्दशा के प्रति अपनी चिंता जताई, गौरतलब है कि यमन में हौती विद्रोहियों और सरकार समर्थित सुरक्षाबलों के बीच संघर्ष के कारण यहां भारी नुकसान हुआ है, जिसे देखते हुए यूनेस्को ने यह कदम उठाया है। \'ओल्ड सिटी ऑफ सना\' में 103 मस्जिदें, 14 सार्वजनिक स्नानघर, 11वीं सदी से पूर्व निर्मित 6,000 आवासीय इमारत हैं, जो 11वीं सदी से भी पहले बनाए गए थे। इसके साथ ही यमन के \'ओल्ड वाल्ड सिटी ऑफ शिबम\' और इराकी शहर हत्रा को भी इस सूची में शामिल किया गया है। स्कॉटलेंड का 1890 मे फॉर्थ नदी पर बना पुल जिस पर से आज भी गाड़िया गुजरती है, वो भी इस सूची मे शामिल है.