शिखर पर पहुंच ,सब कुछ छोड़ कर आध्यात्म अपनाने वाला एक अरबपति

By Shobhna Jain | Posted on 24th Sep 2015 | देश
altimg
नई दिल्ली, 23 सितंबर (अनुपमाजैन,वीएनआई) मात्र चालीस साल की उम्र मे उद्योग जगत के शिखर पर पहुंच कर जाने माने उद्द्योगपति तथा फोर्टिस हेल्थकेयर के संस्थापक शिविंदर मोहन सिंह जो कि दोस्तों मे 'एसएमएस' के नाम से जने जाते हैं, अरबो के कारोबार को छोड़कर पूरी तरह से अध्यात्म की दुनिया में जा रहे हैं। एक जनवरी, 2016 से वे फोर्टिस ग्रुप के सभी एग्जीक्यूटिव पदों से इस्तीफा दे देंगे, फोर्टिस हेल्थकेयर के दो फाउंडर्स में से एक शिविंदर मोहन सिंह राधा स्वामी सत्संग ब्यास से पूरी तरह से जुड़ने जा रहे हैं। देश के सबसे बड़े अमीरों की फोर्ब्स सूची में मलविंदर-शिविंदर 35वें स्थान पर हैं। वे सत्संग की ‘सेवा’ के लिए समर्पित होने के बाद कंपनी में नॉन-एक्जीक्यूटिव वाइस चेयरमैन बने रहेंगे हालांकि ग्रुप में उनकी कोई सक्रियता नहीं रहेगी। गौरतलब है कि वह आध्यात्मिक व धार्मिक संगठन राधा स्वामी सत्संग ब्यास का मुख्यालय अमृतसर के नजदीक है। वे काफी समय से इस डेरे से जुड़े है पिता परविंदर सिंह और बड़े भाई मालविंदर सिंह समेत उनका सारा परिवार राधा स्वामी डेरा से जुड़ा है। वे अक्सर डेरे के भंडारों में शामिल होने आते हैं। कंपनी की ओर से जारी बयान के मुताबिक, फोर्टिस के सह संस्थापक 40 वर्षीय शिविंदर मोहन सिंह एक जनवरी 2016 से गैर कार्यकारी वाइस चेयरमैन बन जाएंगे। सिंह ने कहा है, मैंने फोर्टिस की स्थापना और इसके परिचालन में दो दशक गुजारे हैं। जीवन को बचाने और इसे बेहतर बनाने का लक्ष्य मेरे जीवन का अभिन्न अंग रहा है। इसने मुझे ज्यादा प्रत्यक्ष रूप से सेवा करने और जो मुझे भरपूर मिला, उसका कुछ हिस्सा समाज को देने के लिए प्रेरित किया। बयान के अनुसार, सिंह ने राधा स्वामी डेरा ब्यास में सेवा प्रदान करने का मौका दिये जाने का आग्रह किया था। सिंह ने कहा, मैं खुशनसीब हूं कि इसे स्वीकार कर लिया गया है। मैं फोर्टिस की कार्यकारी जिम्मेदारियां छोड़ने के बाद ब्यास के डेरे पर चला जाऊंगा। वहीं, फोर्टिस के कार्यकारी चेयरमैन मालविंदर सिंह ने अपने छोटे भाई के फैसले का समर्थन करते हुए कहा, ऐसा हमेशा नहीं होता कि कोई समाज की सेवा के प्रति अपने आपको प्रतिबद्ध पाता है। मुझे खुशी है कि शिविंदर जीवन के इस चरण में यह फैसला ले रहे हैं। उन्होंने कहा, फोर्टिस की स्थापना और विकास में शिविंदर का व्यापक योगदान रहा है। मालविंदर व शिविंदर ने 1990 के दशक में फोर्टिस हेल्थकेयर की स्थापना की। दोनों भाइयों ने रैनबेक्सी में अपनी हिस्सेदारी 2008 में जापानी दवा कंपनी दाइची सांक्यो को बेच दी, सिंह रेलीगेयर इंटरप्राइजेज लिमिटेड, सुपर रेलीगेयर लेबोरेटरीज व रेलीगेयर टेक्नालाजीज के प्रधान प्रवर्तकों में से एक हैं। शिविंदरसिंह और उनके बड़े भाई मलविंदर मोहन सिंह के पास कंपनी की 70 फीसदी हिस्सेदारी है। सिंह परिवार की फोर्टिस हेल्थकेयर बीएसई में हिस्सेदारी 1.26 फीसदी है जिसकी कीमत 5,636 करोड़ रुपए है जबकि रेलिगेयर एंटरप्राइजेज में इसकी होल्डिंग की कीमत 2,693 करोड़ रुपए है जो करेंट मार्केट कैप पर आधारित है। भारत, दुबई, मॉरि‍शस और श्रीलंका में फोर्टिस के 54 अस्पताल हैं। शिविंदर-मलविंदर की वित्तीय सेवा कंपनी रेलिगेयर एंटरप्राइजेज भी है। उन्होंने 2008 में जेनरिक दवा कंपनी रैनबैक्सी जापान की दाइची सैंक्यो को बेची थी। 40 साल के शिविंदर ने ड्यूक यूनिवर्सिटी से हेल्थकेयर में एमबीए किया है। गणित में मास्टर्स डिग्री रखने वाले शिविंदर को आंकड़ों का माहिर माना जाता है। उन्होंने दून स्कूल और दिल्ली के सेंट स्टीफंस कॉलेज से भी पढ़ाई की है। वे विवाहित है.

Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Quote of the Day
Posted on 14th Nov 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india