नयी दिल्ली 15 जून (अनुपमाजैन/वीएनआई) दिल्ली मे संसदीय सचिव बनाम लाभ के पद का मामला निरंतर गर्म होता जा रहा है.दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने आज कहा कि दिल्ली मे 1953 से संसदीय सचिव बनाये जा रहे हैं और इसे लेकर कभी विरोध नहीं हुआ अब इसे लेकर हंगामा किया जा रहा है. उन्होने आज यहा एक प्रेस कॉफ्रेंस मे कहा ' दिल्ली मे 2015 तक संसदीय सचिव बनते थे, तब तो वे संवैधानिक थे, हम बनाए तो असंवैधानिक। यह दोहरा मापदंड नहीं चलेगा"
श्री केजरीवाल ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि अगर भाजपा संसदीय सचिव बनाये तो वो कानून के आधार पर लेकिन जब हम बनाये तो गैरकानूनी. उन्होने कहा कि 1977 में दिल्ली में संसदीय सचिव बने. कांग्रेस ने भी अपने समय यह बनाया. उन्होने कहा कि दिल्ली में वर्ष 1953 में तीन संसदीय सचिव थे। यह क्रम तो 1953 से चला आ रहा है।
श्री केजरीवाल ने कहा 'हम इन्हीं संसदीय सचिवों की बदौलत सरकार चला रहे हैं। ये हमारे हाथ, पैर, आंख और कान हैं।' उन्होने कहा'हमारे विधायक काबिल है पढ़े लिखे हैं वो जनता के लिए काम कर रहे हैं. श्री केजरीवाल ने कहा 'मैं मोदी जी से हाथ जोड़कर विनती करना चाहता हूं. मोदी जी आपकी लड़ाई मुझसे है, लेकिन दिल्लीवालों को परेशान मत कीजिए। आपको बदला लेना है तो मुझसे लीजिए'
भाजपा ने श्री केजरीवाल् के इन आरोपो पर पलटवार किया, भाजपा नेता श्रीकांत शर्मा ने कहा कि ये लोग आम से अब खास बनना चाह रहे हैं लाभ के इतने पदों को बांटने का क्या मतलब है. ये लोग जनता के पैसों को बर्बाद कर रहे हैं. भाजपा विधायक विजेंन्द्र गुप्ता ने आप सरकार पर दोहरा रवैया अपनाने का आरोप लगाया.वी एन आई