नयी दिल्ली,12 नवंबर( वीएनआई) केन्द्र सरकार ने विदेश सचिव विक्रम मिस्री का कार्यकाल बढ़ा दिया। मिस्री का कार्यकाल अब 14 जुलाई 2026 तक रहेगा। कार्मिक मंत्रालय ने आज इस आशय काआदेश जारी किया। मिस्री 1989 बैच के आईएफएस अधिकारी हैं। उन्होंने 15 जुलाई को विदेश सचिव का पदभार संभाला था। मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने यह फैसला लिया।
मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने विक्रम मिस्री को उनका कार्यकाल 30 नवंबर को समाप्त होने से पहलेविस्तार देने का फैसला किया है। आदेश के मुताबिक मंत्रिमंडल की नियुक्ति समिति ने विदेश सचिव के रूप में मिस्री के कार्यकाल को 30 नवंबर को उनकी सेवानिवृत्ति की तारीख से आगे 14 जुलाई 2026 तक बढ़ा दिया गया है
विक्रम मिस्त्री भारतीय विदेश सेवा के 1989 बैच के अधिकारी हैं। उन्होंने 15 जुलाई 2024 को विदेश सचिव का पदभार ग्रहण किया था। हाल ही में, उनका कार्यकाल 2026 तक बढ़ा दिया गया है। विक्रम मिस्री ने अपने करियर में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। चीन के साथ गलवान घाटी विवाद के दौरान भी उन्होंने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।वे म्यांमार, स्पेन और चीन में भारत के राजदूत रह चुके हैं। इसके अलावा, उन्होंने तीन भारतीय प्रधानमंत्रियों - इंद्र कुमार गुजराल, मनमोहन सिंह और नरेंद्र मोदी - के निजी सचिव के रूप में भी कार्य किया है। उनकी सबसे हालिया भूमिका राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद सचिवालय में उप राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार रूप में थी।
विक्रम मिस्री का जन्म 7 अप्रैल 1964 को जम्मू कश्मीर में हुआ था। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा सिंधिया स्कूल से प्राप्त की। उन्होंने दिल्ली के हिंदू कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा किया और बाद में एमबीए भी किया। हालांकि, विक्रम मिस्री ने अपना करियर पथ बदलकर सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी की और 1989 में भारतीय विदेश सेवा के अधिकारी बनेविक्रम मिस्री ने विदेश मंत्रालय में अंडर सेक्रेटरी से लेकर डायरेक्टर तक कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया है। विक्रम मिस्री ने सिविल सेवा परीक्षा पास करने से पहले दिल्ली के हिंदू कॉलेज से स्नातक और एमबीए किया. वीएनआई
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