दोहा, 24 अगस्त (वीएनआई)| कतर ने आज कहा कि वह ईरान के साथ अपने पूर्ण राजनयिक संबंधों को दोबारा बहाल करने जा रहा है। कतर का यह कदम उसके अरब पड़ोसियों को और भड़का सकता है और इस क्षेत्र में चल रहा सबसे बड़ा राजनीतिक संकट और गहरा सकता है।
कतर के विदेश मंत्रालय ने बताया, कतर, ईरान के साथ सभी क्षेत्रों में अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करेगा। दोनों देशों के विदेश मंत्रियों ने फोन पर बात की और 'द्विपक्षीय संबंधों' के साथ-साथ 'आम चिंता के मुद्दों' पर चर्चा की। बयान में कहा गया है कि कतर के राजदूत 'राजनयिक कर्तव्यों' को निभाने के लिए ईरान वापस जाएंगे।
सऊदी अरब, संयुक्त अरब अमीरात, बहरीन और मिस्र ने जून में कतर के साथ कूटनीतिक संबंधों को निलंबित कर दिया था, उससे जमीन, समुद्री और हवाई संपर्क खत्म कर दिया था और आरोप लगाया था कि कतर आतंकवाद को प्रायोजित कर रहा है और ईरानी शासन के साथ गलबहियां कर रहा है। चारों देश ईरान पर अरब देशों के आंतरिक मामलों में हस्तक्षेप का आरोप लगाते रहे हैं और इनका कहना है कि तेहरान के बढ़ते प्रभाव ने इस क्षेत्र को अस्थिर कर दिया है और इससे इस्लामिक स्टेट (आईएस) जैसे कट्टरपंथी समूहों को मदद मिल रही है।
कतर के इन चार अरब पड़ोसियों ने उससे ईरान के साथ संबंधों को खत्म करने की मांग की थी। उनकी अन्य मागों में 'आतंकवादी संगठनों के साथ संबंधों' को खत्म करने व तुर्की के कतर स्थित सैन्य अड्डे को बंद करने की बात भी शामिल थी। इसके अलावा मीडिया नेटवर्क अलजजीरा पर प्रतिबंध लगाने की भी मांग की थी। लेकिन, कतर ने इन मांगों पर प्रतिक्रिया देने के लिए दस दिन की अवधि को नजरअंदाज कर दिया और मसले के राजनयिक समाधान की कोशिश में जुटा रहा।
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