नई दिल्ली,23 जुलाई(वीएनआई) पूर्व राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार व पूर्व विदेश सचिव शिव शंकर मेनन ने भारत चीन के रिश्तो मे नयी सामरिक समझ बूझ की जरूरत पर बल देते हुए कहा कि डोकलाम विवाद के समाधन के लिये इसी तरह की समझ बूझ की जरूरत है साथ ही उनका आकलन है कि डोकळाम विवाद आगामी नंवबर माह तक खिंचता रहेगा जबकि चीन की अहम 19 वीं कम्युनिस्ट कॉग्रेस् होगी और उसी के बाद चीन इस विवाद पर कोई फैसला ले सकता है. गौरतलब है कि यह कॉग्रेस् चीन की राजनीति मे बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि चीन के राष्ट्रपति शी चिन फिंग के राजनैतिक भविष्य के लिये यह कॉग्रेस् बहुत अहम है,इस मे उन्हे दोबारा राष्ट्रपति व पार्टी महासचिव चुना जायेगा राजनयिक पर्यवेक्षको का मानना है कि निश्चित है इस के मद्देनजर श्री फिंग डोकलोम से चीनी फौजे पीछे हटाने का जोखिम नही उठायेंगे जिससे उन्हे कमजोर ऑका जाये.
शी मेनन यहा चुनींदा पत्रकारो से बात कर रहे थे.श्री मेनन ने कहा कि दोनो पक्षो के बीच काफी वर्षो से सीमा पर बड़ा तनाव नही हुआ है अलबत्ता डोकलाम मौजूदा ्तनाव 1975 जैसा ही बड़ा कहा जा सकता है जबकि चीन ने सिक्किम के भारत मे विलय पर कड़ा विरोध जताते हुए सीमा पर अपनी फौजो की सक्रियता बढा दी थी इस बार फिर डोकलोम विवाद के चलते चीन ने सिक्किम मुद्दे को फिर से उछाला है जिस के बारे मे पूर्व राजनयिको को अंदेशा है कि वह विलय को नये सिरे से चुनौती दे सकता है.श्री मेनन मानते है कि भारत ने अपने सामरिक हितो को ध्यान रखते हुए इस विवाद को परिपकवक्ता से संभाला है.चीन के मीडिया द्वारा भारत को 1962 जैसा सबक सीखाने जैसी खबरो पर श्री मेनन ने कहा कि यह सब सोशल मीडिया का असर है ऐसी खबरो को गंभीरता से नही लिया जाना चाहिये.
श्री मेनन विदेशी मामलो के भारतीय पत्रकारो की एसोसियेशन इंडियन एसोसियेशन ऑफ फॉरेन अफेयर्स करेसपोंडेंट के कार्यक्रम मे बोल रहे थे.चीन के साथ व्यापारिक संबंधो की बाबत पूछे गये एक सवाल के जबाव मे श्री मेनन ने कहा कि आर्थिक संबंध सामरिक संबंधो को प्रभावित नही करते है
इसी बीच सूत्रो के अनुसार राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजित डोभाल आगामी सप्ताह 27-28 जुलाई को चीन यात्रा करेंगे वे वहा ब्रिक्स सुरक्षा विशेषज्ञो के सम्मेलन मे हिस्सा लेंगे, ऐसी उम्मीद है कि इस दौरान उनकी डोकळाम तनाव पर ्भी चीनी अधिकारियो से चर्चा करेंगे. वैसे प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी भी सितंबर मे ब्रिक्स शिखर नेताओ की बैठक मे हिस्सा लेने चीन जायेंगे. इसी बीच विदेश सचिव एस जयशंकर ने इसी सप्ताह विपक्ष को डोकलाम तनाव पर ताजा स्थति के बारे मे अवगत करते हुए कहा कि भारत इस मामले पर संयम तथा शांति बनाये हुए है तथा इस मामले के समाधान के लिये सभी स्तरो पर राजनयिक प्रयास जारी है.विदेश नीति के जानकारो का मानना है पिछले लगभग एक महीने से चले आ रहे इस तनाव का फिलहाल कोई समाधान नजर नही आ रहा है हलांकि स्थति तनावपूर्ण लेकिन गंभीर है सम्भवत 1986 से भी ज्यादा जब सीमा पर दोनो की फौजे काफी समय तके आमने सामने डट गई थे