जर्मन राजदूत ने कहा जम्मू-कश्मीर भारत पाक का द्विपक्षीय मसला, तीसरे पक्ष की भूमिका नहीं

By Shobhna Jain | Posted on 1st Oct 2019 | विदेश
altimg

  नई दिल्ली, 1 अक्टूबर (शोभनाजैन/वीएनआई) भारत में जर्मन राजदूत वाल्टर लिंडनर ने कहा हैं कि जम्मू कश्मीर में संविधान के अनुच्छेद 370 को हटाकर, उस का विशेष राज्य का दर्जा खत्म करने का फैसला भारत का आंतरिक मामला है, लेकिन साथ ही उन्होंने कहा " कश्मीर मसला  भारत तथा पाकिस्तान के बीच का उभयपक्षीय मसला हैं लेकिन इस का इस के आस पास के क्षेत्र मे परिणाम पड़ना स्वाभाविक है. कश्मीर मसलें के समाधान के लिये जरूरी है दोनो देशों के बीच कुछ  आपसी संपर्क  बने" इस के साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि इस मामले में तीसरे पक्ष की भूमिका नही है. श्री वाल्टर लिंडनर ने प्रावधान हटाये जाने के  बाद से  घाटी में लागू  पाबंदियॉ जल्द से जल्द हटाने पर जोर दिया ,और कहा " यह सुनिश्चित किया जायें कि इन्हें हटाये जाने के बाद वहा मानवाधिकारों का उल्ल्घंन नही हों  निश्चित तौर पर पाबंदियॉ सुरक्षा संबंधी और अन्य पहलूओं पर ध्यान देते हुए  हटायी  जायें."

जर्मनी के राजदूत ने यहा विदेशी मामलों को कवर करने वाले पत्रकारों/स्तंभकारों की संस्था इंडियन एसोसियेशन ऑफ फॉरेन कॉरेस्पोन्डेंटस-आईफेक के सदस्यों के साथ बातचीत कर रहे थे.उन्होंने कहा कि यह दोनों देशों  को तय करना  हैं कि इस  मसले के समाधान के लिये  संपर्क कैसे हो. उन्होंने अपनी जम्मू कश्मीर की अपनी कुछ माह पूर्व की यात्रा की चर्चा करते हुए कहा कि वह एक बेहद खुबसूरत जगह है लेकिन वहा के लोगों को रोजगार चाहिये, होटल, शिकारों सभी जगह काम चाहिये. श्री लिंडर ने कहा "हम भारत  सरकार की इस धारणा से सहमत हैं कि वहा विकास एक अह्म मुद्दा है,वहा शांति स्थापित हो, आतंकवाद खत्म हो". उन्होंने कहा कि निश्चित तौर पर यह एक चुनौती पूर्ण काम हैं. राजदूत ने कहा कि  भारत सरकार को भरोसा हैं कि वहा बदलाव आयेगा, दुनिया भर की नजरें इस पर हैं कि वहा बदलाव के लिये,हालात बेहतर बनाने के लिये सरकार क्या कदम उठाती हैं. गौरतलब हैं कि अमरीका सहित काफी देशों ने जहा जम्मू कश्मीर के विशेष दर्जा हटाये जाने के फैसले को भारत के आंतरिक मामला होने की बात मानी  हैं , वही वे घाटी में इस फैसले के बाद से लागू पाबंदियॉ जल्द से जल्द हटाने और वहा जेलों में बंद किये गये राजनैतिक नेताओं को तुरंत रिहा करने पर  भी जोर दे रहे हैं.

राजदूत ने पाकिस्तान के प्रधान मंत्री इमरान खान द्वारा युद्ध का हौव्वा खड़ा किये जाने पर पूछे जाने पर कहा कि " जो भी  युद्ध की बात करता है, वह निहायत गैर जिम्मेदाराना बात कर रहा है."  इमरान खान द्वारा हाल ही में संयुक्त राष्ट्र महा सभा के अधिवेशन में प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी की राष्ट्रीय स्वयंसंघ से जुड़े होने की आड़ में तीखे हमले किये जाने  और संघ को हिटलर के नाजी राज से प्रभावित होने संबंधी टिप्पणियों पर उन्हों्ने कहा "अगर कोई ऐसी टिप्पणी कर रहा है तो वह निश्चित तौर पर नाजी द्वारा किये गये सामूहिक जनसंहार  की भयावहता को समझता नही है. वहा दो करोड़ लोगों की हत्या कर दी गई जिस में ६० लाख यहूदी थे. यह सब भयावह था" गौरतलब हैं कि गत जुलाई में जर्मन राजदूत ने नागपुर  यात्रा के दौरान संघ के मुख्यालय जा कर संघ प्रमुख भागवत से भी मुलाकात की थी, जिसे ले कर वे खासे खबरों मे रहे.तब उन का कहना था कि उन्होंने संघ के बारे में  सकारात्मक और नकारात्मक  दोनों ही पहलू पढे थे, वे खुद संघ प्रमुख से मिल कर कई सवाल पूछना चाहते थे.इस "असमान्य मुलाकात" के सुर्खियों में आने के बाद उन्होंने मुलाकात के  बारे में ट्वीट कर लिखा "आर आर एस इतिहास में गैर विवादास्पद नही मानी गई" वी एन आई 


Leave a Comment:
Name*
Email*
City*
Comment*
Captcha*     8 + 4 =

No comments found. Be a first comment here!

ताजा खबरें

Quote of the Day
Posted on 14th Nov 2024
Today in History
Posted on 14th Nov 2024

Connect with Social

प्रचलित खबरें

© 2020 VNI News. All Rights Reserved. Designed & Developed by protocom india