नई दिल्ली, 26 सितम्बर, (वीएनआई) फ्रांस के राष्ट्रपति ने राफेल डील को लेकर अपनी चुप्पी तोड़ते हुए कहा कि जब यह डील हुई थी तो वह सत्ता में नहीं थे।
राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों से जब इस बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इसका सीधा जवाब देने की बजाए कहा कि जब यह डील हुई तो वह सत्ता में नहीं थे। लेकिन मुझे यह पता है कि दो सरकारों के बीच हमारे पास बेहद स्पष्ट नियम हैं। इस मसले में बातचीत एक बृहद स्तर पर इस डील का हिस्सा है, जोकि भारत और फ्रांस के बीच डिफेंस डील को लेकर हुई थी। साथ ही उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री मोदी की बात को ही आगे बढ़ाना चाहता हूं जो उन्होंने कुछ दिन पहले कही थी। वहीं यूएनजीसी के दौरान प्रेस से बात करते हुए राष्ट्रपति इमैनुअल मैक्रों ने इस मसले पर कुछ भी स्पष्ट तौर पर कहने से इनकार कर दिया। गौरतलब है कि मैक्रॉन ने आरोपो को सिरे से खारिज नहीं किया बल्कि इसपर जवाब देने से बचते नजर आए।
गौरतलब है कि मैक्रों पिछले वर्ष ही फ्रांस के राष्ट्रपति बने हैं, जबकि राफेल डील 2016 में तत्कालीन राष्ट्रपति फ्रैंकोस होलांदे के कार्यकाल में की गई थी। वहीं इससे पहले पूर्व राष्ट्रपति फ्रांस्वा ओलांद के बयान के अनुसार राफेल डील को लेकर भारत सरकार ने ही अनिल अंबानी की कंपनी का नाम सुझाया था, जिसके बाद दसॉल्ट कंपनी के पास कोई विकल्प ही नहीं बचा था।
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