पेरिस, 4 दिसंबर (वीएनआई) फ्रांस में पेट्रोलियम पदार्थों सहित ईंधन की बढ़ती कीमतों को लेकर जारी हिंसक उग्र जन आंदोलन के बीच फ्रांस सरकार ने बढी हुई कीमतों के फैसले पर फिलहाल रोक लगाने का एलान किया है. नई कीमते एक जनवरी से लागू होने वाली थी. इस के साथ ही सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर तबके का जीवन स्तर बेहतर करने के लिये भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाने की घोषणा की हैसे पूर्व फ्रांस सरकार के प्रवक्ता ने मीडिया से कहा है कि राज्य में शांति बहाली के लिए और प्रदर्शनकारियों से बातचीत के लिए यह कदम सरकार उठा सकती है.
पेरिस में पिछले काफी दिनों से बड़ी संख्या में लोग आपात स्थिति में पहने जाने वाले "पीले रंग" के कोट पहन कर प्रदर्शन कर रहे हैं.पेट्रोल-डीज़ल की बढ़ती क़ीमतों के विरोध में फ्रांस की राजधानी पेरिस में कई घंटों तक प्रदर्शन हुए हैं. पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प हुई है जिसमें कम से कम 110 लोग घायल हुए हैं. इस सिलसिले में 260 से अधिक लोगों को हिरासत में लिया गया है. आगज़नी कर रहे प्रदर्शनकारियों को खदेड़ने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े, स्टन ग्रेनेड दागे और पानी की तेज़ बौछार की.
फ्रांस में डीज़ल के दाम पिछले 12 महीने में 23 प्रतिशत से अधिक बढ़ गए हैं. वैश्विक स्तर पर तेल की क़ीमतों में उतार-चढ़ाव रहा है लेकिन फ्रांस के मामले में क़ीमत बढ़ने के बाद कम नहीं हुई. इसकी वजह ये है कि राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की सरकार ने हाइड्रोकार्बन टैक्स बढ़ा दिया है. फ्रांस में पेट्रोल-डीज़ल के बढ़े दामों के विरोध में इससे पहले 17 नवंबर को देशव्यापी प्रदर्शन हुए थे. तब इसमें लगभग तीन लाख लोग सड़कों पर उतरे थे. इसके बाद सोशल मीडिया पर राष्ट्रपति मैक्रों की आर्थिक नीतियों की आलोचना बढ़ती गई और विरोध प्रदर्शन की धार तेज़ होती गईप्रदर्शनकारियों के एक समूह ने पेरिस में कई वाहनों की क्षति पहुंचाई और कई मकानों को नुकसान पहुंचाया है.
फ्रांस के राष्ट्रपति एमैनुएल मैक्रों ने शनिवार को उनके खिलाफ प्रदर्शन करने वालों को अराजकता फलाने की चाहत रखने वाला करार देते हुए कहा था कि वह किसी भी सूरत में हिंसा बर्दाश्त नहीं करेंगे. देश में ईंधन की कीमतों में पूर्व नियोजित योजना के तहत हुई वृद्धि का विरोध कर रहे लोग शुक्रवार को हिंसा पर उतर आए.
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