नई दिल्ली, 27 अप्रैल (वीएनआई) पाक आतंकी मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा जल्द ही अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित किया जा सकता हैं. भारत काफी समय से इस बारे मे ्निरंतर कौशिशें कर रहा है जिसे फ्रांस,अमरीका और ब्रिटेन सहित अनेक देशों का सक्रिय समर्थन मिल रहा है लेकिन चीन के लगातार अड़ंगे से यह आतंकी वैश्विक आतंकी घोषित नही किया जा सका हैं.ब्रिटेन के उच्चायुक्त डोमिनिक एस्क्वॉथ ने कहा हैं कि चीन ने अभी तक जैश-ए-मोहम्मद सरगना मसूद अजहर को संयुक्त राष्ट्र द्वारा आतंकी की सूची में डाले जाने बारे मे अपने रूख में किसी प्रकार के बदलाव का संकेत नही दिया हैं,यह प्रस्ताव संयुक्त राष्टृ में अभी भी विचाराधीन हैं ्लेकिन उन्हें उम्मीद बंधी हुई हैं कि जल्द ही इस के सकारात्मक नतीजे निकलेंगे.
ब्रिटेन के उच्चायुक्त ने यहा संवाददातातओं से बातचीत मे कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की आंतकियों की सूची में मसूद अज़हर को शामिल कर लिया जाएगा इसको लेकर वह 'आशावादी' हैं. उन्होंने कहा " इंगलेंड पिछले एक दशक से अजहर को इस सूची में शामिल किये जाने के प्रबल समर्थकों में रहा हैं, इस लिये मुझे उम्मीद हैं कि जल्द ही इस का सकारात्मक नतीजा मिल जायेगा".साथ ही उन्होंने पाकिस्तान से आतंकी संगठनों के खिलाफ स्पष्ट और प्रभावी कार्रवाई करने की अपेक्षा भी की है।
अजहर को वैश्विक आतंकी घोषित करने के संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में पेश प्रस्ताव में ब्रिटेन सहयोगी रहा है। वह सुरक्षा परिषद का स्थायी सदस्य है। चीन के वीटो के चलते ये प्रस्ताव पारित नहीं हो पाए। ऐसक्विथ ने कहा कि संकेत हैं कि चीन जल्द ही रुकावट को खत्म करेगा और सब कुछ ठीक होगा
मार्च 2019 में मसूद अज़हर को अंतर्राष्ट्रीय आतंकी घोषित करने का प्रस्ताव संयुक्त राष्ट्र में लाया गया था जिसकेअमरीका, फ्रांस और ब्रिटेन जैसे देश प्रस्तावक थे. लेकिन चीन के वीटो के कारण यह प्रस्ताव गिर गया था. पुलवामा बर्बर आतंकी हमलें के बाद जिस में ४० से अधिक भारतीय सुरक्षा कर्मी मारे गये थे, ये देश यह प्रस्ताव ्ले कर आये थे. उस दौरान चीन ने तकनीकि वजहों से यह मामला फिर लटका दिया और उसे रोक दिया.ऐसा पहली बार नहीं हुआ था जब चीन ने मसूद अज़हर को संयुक्त राष्ट्र की सूची में शामिल होने से रोकने के लिए अड़ंगा डाला हो इससे पहले भी वह कई बार अड़ंगा लगा चुका है.्विदेश सचिव विजय गोखले की हल की चीन यात्रा में भी अजहर को ्संयुक्त राटृ के नियमों के तहत आतंकी घोषित किये जाने पर दोनो देशों ने विस्तृत विचार विमर्श किया और भारत ने अपनी चिंतायें रखी
उच्चायुक्त ने बताया कि पुलवामा में हुए आतंकी हमले के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़े तनाव को कम करने में भी ब्रिटेन सक्रियता से शामिल रहा भारत के साथ संबंधों को महत्वपूर्ण बताते हुए एसक्विथ ने कहा कि यूरोपीय यूनियन से अलगाव के बाद ब्रिटेन के भारत के साथ रिश्ता और व्यापक होगा वह भारत के साथ और भी प्रगाढ़ द्विपक्षीय व्यापार एवं निवेश संबंध चाहता है। वी एन आई
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