नई दिल्ली/ माले,, 07 जुलाई, (वीएनआई) भारत के लिए मालदीव में राजनीतिक संकट के बाद से सुरक्षा चुनौतियां लगातार बढ़ रही हैं। मालदीव ने पिछले माह वर्क परमिट और तोहफे में दिए हेलिकॉप्टर लौटाकर भारत को झटका दिया। अब मालदीव ने पाकिस्तान के साथ करार कर भारत के लिए असहज स्थिति पैदा कर दी है।
मालदीव ने पाकिस्तान के साथ पावर सेक्टर में मजबूत क्षमता वाले बिल्डिंग निर्माण के लिए करार किया है। मालदीव के स्टेट इलेक्ट्रिसिटी कंपनी स्टेलको के प्रतिनिधियों ने पिछले सप्ताह पाकिस्तान जाकर एमओयू पर हस्ताक्षर किए। मालदीव ने भारतीयों के लिए वर्क परमिट देना बंद कर दिया है और भारत के सहयोग से होने वाले प्रॉजेक्ट को पूरा करने में भी इरादतन देरी कर रहा है ऐसे वक्त में पाकिस्तान के साथ करार नई दिल्ली के लिए चिंता का कारण जरूर है। मालदीव में भारत के सहयोग से एक पुलिस अकैडमी का निर्माण हो रहा है, लेकिन माले इरादतन उसमें देरी कर रहा है।
मालदीव में भारतीय अधिकारियो का मानना है कि मालदीव अपने देश में भारत का प्रभाव पूरी तरह से कम करना चाहता है। भारतीय अधिकारी यह भी जानने की कोशिश कर रहे हैं कि जब स्टेलको के ज्यादातर प्रॉजेक्ट चीन की सहायता से ही पूरे हो रहे हैं, ऐसे वक्त में पाकिस्तान के साथ अलग से करार कर मालदीव सरकार भारत को क्या समझाने की कोशिश कर रही है। वहीं एक वरिष्ठ भारतीय अधिकारी ने बताया, ' पाकिस्तान की आर्थिक हालत देखते हुए कहा जा सकता है कि मालदीव की मदद कर सकने में पाक बहुत सक्षम नहीं है। प्रेजिडेंट यामीन हर तरीके से कोशिश कर रहे हैं कि भारत के प्रभाव को मालदीव में कम से कम रखा जा सके। वह मालदीव को भारत के प्रभाव और नई दिल्ली की निकटता दोनों से ही दूर रखने की कोशिश कर रहे हैं।'
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