कजान, रूस. 23 अक्टूबर ( शोभना जैन/वीएनआई) रूस के कजान शहर में चल रहे 16वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन के इतर प्रधानमंत्री नरेनद्र मोदी और चीन के राष्ट्रपति शी जिन पिंग के बीच आज यहा बहुप्रतिक्षीत अहम मुलाकात हुई. मुलाकात बंद कमरे में हुई दोनों शिखर नेताओं के बीच पॉच साल बाद रूबरू मुलाकात हुई, जो कि लगभग ्पंद्रह मिनट चली जिस में दोनों नेताओं के बीच द्विपक्षीय मसलों क साथ ही सीमा पर तनाव कम करने पर चर्चा हुई दोनों देशों के बीच दो दिन पहले ही पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा- एलएसी पर सैनिकों की गश्त को लेकर पिछले साढें चार से चले आ रहे सीमा विवाद को हल करने के लिये हुये एक अहम समझौतें की पृष्ठ्भूमि मे इस मुलाकात को बहुत अहम माना जा रहा हैं जिनपिंग से मुलाकात के बाद मोदी ने शांति के प्रति भारत की प्रतिबद्धता दोहराई. उन्होंने कहा, " 'सीमा पर शांति बनाए रखना प्राथमिकता होनी चाहिए',. सीमा पर ्हुई सहमति का स्वागत है. मुझे विश्वास है कि हम खुले मन से बातचीत करेंगे और हमारी चर्चा कंस्ट्रक्टिव होगी साथ ही उन्होने कहा" ना केवल द्विपक्षीय संबं धों के लिये अपितु वैश्विक शांति स्थिरता और प्रगति के लिए हमारी बैठक अहम है.
वहीं, शी जिनपिंग ने कहा, "दोनों पक्षों के लिए ज्यादा कम्युनिकेशन और सहयोग करना, हमारे मतभेदों और असहमतियों को उचित रूप से संभालना और एक-दूसरे की विकास आकांक्षाओं को पूरा करने में सहयोग प्रदान करना महत्वपूर्ण है. दोनों पक्षों के लिए अपनी अंतरराष्ट्रीय जिम्मेदारी निभाना, विकासशील देशों की ताकत और एकता को बढ़ावा देने के लिए एक उदाहरण स्थापित करना जरूरी है. हम अंतरराष्ट्रीय संबंधों में बहु-ध्रुवीकरण और लोकतंत्र को बढ़ावा देने में योगदान देना चाहते हैं.
मोदी और जिनपिंग के बीच आखिरी बार 2019 में द्विपक्षीय मुलाकात हुई थी.जून २०२० पूर्वे लद्दाख में क्षेत्र के गलवान इलाकें में चीन के कुछ सैनिको द्वारा वहा तैनात भारतीय सैनिकों की टुकड़ी पर नृशंस हमला किये जाने के बाद दोनों देशों के संबंध बेहद तनावपूर्ण हो गये.पिछले कुछ महीनों में कूटनीतिक और सैन्य स्तर पर जो वार्ताएं हुई हैं, उसका ही नतीजा है कि तनाव कम करने पर एक समझौते की बात सामने आई है. इसके तहत दोनों देशों की सेनाएं पूर्वी लद्दाख के 2 पॉइंट देपसांग और डेमचोक से पीछे हटेंगे. दोनों पॉइंट पर अप्रैल 2020 जैसी स्थिति बहाल होगी. भारतीय जवान इन दो पॉइंट पर पेट्रोलिंग कर सकेंगे. अभी विवाद के कारण भारतीय सेना यहां पेट्रोलिंग नहीं कर पाती है.
मोदी-जिनपिंग की बातचीत के बाद विदेश सचिव विक्रम मिस्री ने बताया कि दोनों नेताओं की 5 साल बाद बातचीत हुई है. दोनों नेताओं ने वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) पर पेट्रोलिंग समझौते का स्वागत किया है. इस से पूर्व विक्रम मिस्री ने समझौते के बाद बताया था कि भारत-चीन के सीमावर्ती इलाकों में पेट्रोलिंग के साथ 2020 के बाद उठे मुद्दों को सुलझाने के लिए प्रस्ताव तैयार हुआ है. इस पर दोनों देश कदम उठाएंगे.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता ने कहा, "भारत और चीन के बीच मुद्दों को सुलझाने के लिए स्पेशल रिप्रिजेंटेटिव नियुक्त किए गए है. भारत की तरफ से राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल और चीन की तरफ से विदेश मंत्री वांग यी इन मामलों पर जल्द ही औपचारिक बैठक करेंगे. वी एन आई
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