ढाका,18 दिसंबर (वी एन आई)बांग्लादेश ने आतंकवाद से निपटने के मुद्दे पर भारत के साथ सहयोग का आश्वासन देते हुए कड़े शब्दो मे कहा है कि पाकिस्तान को ‘‘आतंकियों को पनाह देने और आतंकी कृत्यों को बढावा देने के लिए' अलग-थलग कर दिया जाना चाहिए.
असदुज्जमां खान कमाल खान ने एक एक न्यूज अजेंसी को दिये साक्षात्कार में कहा, ‘‘पाकिस्तान ने हमेशा से आतंकवादियों को पनाह और समर्थन दिया है. हमें लगता है कि जो भी आतंकवाद को बढावा देता है, उसे हतोत्साहित और अलग-थलग किया जाना चाहिए. हमें ऐसे हमलों को हतोत्साहित करने के लिए और उनकी निंदा करने के लिए हर संभव कदम उठाना चाहिए. इस तरह के आतंकी हमले किसी भी देश के खिलाफ नहीं होने चाहिए.'खान ने यह भी कहा कि भारत के साथ तीस्ता जल बंटवारा संधि में होने वाली देरी विपक्षी दलों और जमात जैसे चरमपंथी संगठनों को बांग्लादेश में भारत-विरोधी भावनाएं भडकाने का मौका दे रही है. सीमापार के आतंकवाद से सबसे ज्यादा पीडित देशों में से एक देश होने की भारत की पीडा को साझा करते हुए खान ने कहा कि बांग्लादेश आतंकवाद के खिलाफ लडाई में भारत के साथ खडा है.
भारत और बांग्लादेश दोनों में ही होने वाले आतंकी हमलों की जडे पाकिस्तान में होने के मुद्दे पर खान ने कहा, ‘‘आतंकवाद के मुद्दे पर भारत और बांग्लादेश दोनों का ही एक ही नजरिया है. बीते कुछ समय में, हमने इस बात पर गौर किया है कि किस तरह से विभिन्न आतंकी हमलों में पाकिस्तान की संलिप्तता सबके सामने आ गई है. इस पर (संलिप्तता पर) रोक लगाई जानी जरुरी है.'गौरतलब है कि उरी हमले में 18 भारतीय जवानों के शहीद हो जाने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव बहुत बढ गया था. तब भारत ने दक्षेस सम्मेलन में हिस्सा न लेने की घोषणा करते हुए ‘सीमा-पार' से किए जाने वाले हमलों को इसकी वजह बताया था.अफगानिस्तान, बांग्लादेश और भूटान ने भी नवंबर में इस्लामाबाद में होने वाले दक्षेस सम्मेलन से खुद को अलग कर लिया था. इन देशों ने परोक्ष तौर पर पाकिस्तान पर आरोप लगाया था कि उसने एक ऐसा माहौल बना दिया है, जो सम्मेलन के सफल आयोजन के लिए ठीक नहीं है. इसका नतीजा इसके रद्द होने के रुप में सामने आया