न्यूयॉर्क/नई दिल्ली, 10 अप्रैल (वीएनआई)। अमेरिकी रक्षा सचिव ऐश कार्टर ने बीते शुक्रवार को कहा है कि पाकिस्तान की तुलना में भारत के साथ अमेरिका का वैश्विक एजेंडा अधिक व्यापक है और वाशिंगटन नई दिल्ली के साथ संबंधों को उसके दक्षिण एशियाई पड़ोसियों को देखने वाले चश्मे से नहीं बल्कि एक अलग चश्मे से देख रहा है।
कार्टर ने कहा, "आज हमें पाकिस्तान की तुलना में भारत के साथ अधिक काम करने हैं। उन्होंने कहा, "जहां तक पाकिस्तान का सवाल है, उसके साथ हमारे महत्वपूर्ण व्यापार हैं, लेकिन भारत के साथ हमारा एक संपूर्ण वैश्विक एजेंडा है, ऐसा एजेंडा जिसमें सभी तरह के मुद्दे शामिल हैं।"
कार्टर विदेश संबंध परिषद में एक व्याख्यान के दौरान श्रोताओं की ओर से पूछे गए एक सवाल का जवाब दे रहे थे। व्याख्यान का विषय था कि भारत के विकसित होते अमेरिका के संबंध पाकिस्तान के साथ वाशिंगटन के संबंधों पर कितना असर डालेंगे। अपनी भारत यात्रा की पूर्व संध्या पर कार्टर ने अपने इस संबोधन में कहा कि अमेरिका 21वीं सदी में भारत को अहम साझेदार बनाने की दृष्टि से उसके साथ संबंध प्रगाढ़ कर रहा है। उन्होंने कहा कि भारत के साथ रोमांचक नई परियोजनाएं होंगी और एक रणनीतिक आदान-प्रदान भी, जिसमें सैन्य सहयोग और रक्षा सह-उत्पादन के मुद्दे शामिल होंगे।
कार्टर ने कहा, "वे दिन लद गए, जब हम भारत और पाकिस्तान को सिक्के के दो पहलू मानते थे।" उन्होंने कहा, "मैं जानता हूं कि भारत और पाकिस्तान में ऐसे कुछ लोग हैं, जो इस विचारधारा के पक्षधर हैं, लेकिन अमेरिका ने इस सोच को कुछ दिनों पहले ही पीछे छोड़ दिया है।" पाकिस्तान को महत्वपूर्ण रक्षा सहयोगी बताते हुए कार्टर ने कहा, "अफगानिस्तान से सटी सीमा पर कई बड़े मुद्दे हैं, जहां हमें पाकिस्तान और सीमा पार अफगानिस्तान में आतंकवाद से निपटना है। इसमें अमेरिकी सैनिकों पर असर डालने वाले मुद्दे भी शामिल हैं।"उन्होंने कहा, "मुझे पूरा भरोसा है कि भारत में भी मुझसे इस बारे में सवाल पूछे जाएंगे।"
उल्लेखनीय है कि कार्टर तीन दिवसीय भारत दौरे पर आज नई दिल्ली पहुंव रहे हैं। इस दौरान वह अपने भारतीय समकक्ष मनोहर पर्रिकर से मिलेंगे और दोनों देशों के बीच रक्षा सहयोग बढ़ाने पर चर्चा करेंगे। नई दिल्ली स्थित अमेरिकी दूतावास की ओर से शनिवार को जारी बयान में कहा गया है कि भारत दौरे के दौरान कार्टर नई दिल्ली और गोवा जाएंगे। उनकी पर्रिकर के साथ बैठक होगी। बयान के मुताबिक, अमेरिका रक्षा क्षेत्र में भारत के साथ एक दीर्घकालिक साझेदारी का इच्छुक है, जिसे कार्टर आगे बढ़ाएंगे।